भास्कर न्यूज | बलरामपुर बलरामपुर जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाएं दीपावली के प्रमुख त्योहार के आगमन के साथ ही आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश कर रही हैं। ये महिलाएं मिट्टी के आकर्षक दीपकों के अलावा रंगोली, बांस की सामग्री और अन्य हस्तनिर्मित उत्पाद तैयार कर रही हैं, जिनकी स्थानीय बाज़ार में खूब मांग है। ग्रामीण महिलाओं की इस मेहनत को व्यावसायिक रूप देने और उनके उत्पादों को सही बाजार उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन ने एक पहल की है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत, रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में, बिहान बाजार का आयोजन किया जा रहा है। यह बाजार 16 से 19 अक्टूबर 2025 तक प्राथमिक शाला बरियाडीह (शनि मंदिर के पास) परिसर में आयोजित होगा। इसका मुख्य उद्देश्य महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों के विपणन को सुगम बनाना है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत समूह बड़ी संख्या में दीपावली के लिए विशेष उत्पाद बना रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, जिगड़ी ग्राम पंचायत में सक्रिय महिला स्व-सहायता समूह ने इस वर्ष लगभग 5500 से अधिक मिट्टी के दीपक तैयार किए हैं। पहले ये महिलाएं केवल घरेलू उपयोग के लिए दीपक बनाती थीं, लेकिन अब जिला प्रशासन और बिहान मिशन के सहयोग से इसे बड़े व्यवसाय का रूप दिया गया है। राजपुर की जय मां अंबे स्व-सहायता समूह और बलरामपुर की ज्योति स्व-सहायता समूह की 10-10 सदस्यीय महिलाएं दिन-रात इस काम में जुटी हुई हैं। महिला समूहों द्वारा बनाए गए इन दीपकों को सुंदर रंगों और डिज़ाइनों से सजाया गया है। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि निर्माण में प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया गया है, जो पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देता है। आकर्षक पैकेजिंग और सजावट के कारण ये दीपक स्थानीय खरीदारों को खूब लुभा रहे हैं।