जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर नगर में इंद्र प्रताप ब्लड बैंक में कार्यरत थे। वहां पर यूजर चार्ज की धनराशि कैश बॉक्स से 16950 रुपए का घबन करने का आरोप लगा था। इस मामले में संस्थान के पास सीसीटीवी कैमरा की फुटेज भी मौजूद हैं। विभाग की जांच में मिले थे दोषी सीसीटीवी कैमरे में यह स्पष्ट रूप से देखा भी गया था। मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी विभागीय जांच भी कराई गई थी। इस जांच में इंद्र प्रताप पर आरोप सही पाए गए थे। प्रिंसिपल ने कराई थी FIR मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. संजय काला ने इस संबंध में स्वरूप नगर कानपुर नगर में 11 फरवरी 2025 को प्रार्थना पत्र देकर FIR दर्ज कराई थी। सोमवार को अग्रिम जमानत में न्यायालय एडीजे 7 ने निर्णय में लिखा कि सीसीटीवी में इन्द्र प्रताप देखा गया था और यह विभागीय जांच में शामिल नहीं हुए। इन्होंने धनराशि जमा करने की भी पेशकश की थी। यह गंभीर मामला है, जो कि सरकारी धन के गबन का है। ऐसी स्थिति में इनका अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है।