सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र के उरमौरा स्थित एक निजी अस्पताल में रविवार दोपहर उस समय हंगामा मच गया जब प्रसव के लिए भर्ती महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर नवजात शिशु को गायब करने का आरोप लगा दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया और तहरीर लेकर जांच का आश्वासन दिया। मिली जानकारी के अनुसार, मधुपुर गांव निवासी 24 वर्षीय सुनीता पत्नी मुकेश को शनिवार को प्रसव पीड़ा होने पर रॉबर्ट्सगंज के बनारस पाली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने खून की कमी बताकर ऑपरेशन की सलाह दी थी। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद अस्पताल ने नवजात को नहीं दिखाया और कहा कि बच्चा मृत पैदा हुआ है। वहीं परिजनों ने अस्पताल पर बच्चे को गायब करने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला की मां ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही से नस कट गई, जिससे सुनीता की हालत गंभीर हो गई। जब तबीयत बिगड़ने लगी तो अस्पताल प्रबंधन ने वाराणसी रेफर करने और अतिरिक्त पैसे की मांग की। परिजनों का कहना है कि उन्हें मृत शिशु का शव भी नहीं दिखाया गया। वहीं, अस्पताल के डॉक्टर सूर्य पांडे ने आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बच्चा मृत अवस्था में पैदा हुआ था और उसे पिता को सौंपा गया था, जिन्होंने हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार भी किया। डॉक्टर ने दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज परिजनों को दिखाया जा चुका है। डॉ. पांडे ने कहा, “महिला का ब्लड काफी कम था और यह उसका दूसरा ऑपरेशन था। ब्लड मिलने के बाद ही ऑपरेशन किया गया। बच्चे दानी और यूरिन ब्लैडर फटा हुआ था, जिसे सिलाई से ठीक किया गया। एक जगह ऊपर से सिलाई संभव नहीं थी। महिला की हालत नाजुक बनी हुई थी। परिजनों ने अस्पताल में एक भी रुपया जमा नहीं किया और उल्टा हम पर पैसे मांगने का आरोप लगा रहे हैं।” पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। आवश्यक दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।