हमीरपुर में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे और खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व विभाग ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि एक व्यक्ति ने सरकारी तालाब की जमीन को अपनी बताकर 15 लाख रुपए में बेच दिया और पांच लाख रुपए बयाने के तौर पर ले लिए। यह मामला मौदहा कस्बे के मीरा तालाब का है। मराठीपुरा मीरा तालाब निवासी बलराम पर आरोप है कि उसने तालाब की सरकारी जमीन को अपनी संपत्ति बताकर साजित अहमद और मुहम्मद आरिफ को 15 लाख रुपए में बेचने का सौदा किया। उसने क्रेताओं से पांच लाख रुपए बयाने के रूप में भी ले लिए। सौदे के अनुसार, शेष 10 लाख रुपए तीन साल के भीतर देने पर जमीन का कब्जा और रजिस्ट्री करने की बात कही गई थी। जब प्रशासन को सरकारी तालाब की जमीन के इस सौदे की जानकारी मिली, तो राजस्व विभाग ने जांच कराई। जांच में पुष्टि हुई कि यह जमीन वास्तव में सरकारी थी। इस खुलासे के बाद लेखपाल अवनीश कुमार ने मौदहा कोतवाली में विक्रेता बलराम और क्रेता साजित अहमद तथा मुहम्मद आरिफ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जिले में तालाबों की जमीन पर अवैध कब्जे या उनकी खरीद-फरोख्त का यह पहला मामला नहीं है; कस्बे के कई तालाबों की भीटों पर अवैध कब्जे कर पक्के मकान बनाए जा चुके हैं।