लखनऊ में जमीन के सबसे बड़े घोटालों में से एक पर आखिरकार प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। आरोपी बाफ़िला गैंग पर पहली बार सीधी और लिखित कार्रवाई हुई है। हिमालयन सहकारी आवास समिति की संचालन समिति को भंग कर ₹7.09 करोड़ की वसूली का आदेश दिया गया है। साथ ही, समिति पर सरकारी पर्यवेक्षक तैनात कर दिया गया है। इस समिति के संचालक हैं समता सिंह बाफ़िला, गैंगस्टर घोषित प्रवीण सिंह बाफ़िला और वीरेन्द्र सिंह, जिन पर वर्षों से फर्जी सदस्य बनाकर करोड़ों की जमीनें बांटने का आरोप था। क्या है ‘प्राधिकरण-सहकारिता समायोजन घोटाला’?
2014 से 2022 के बीच समायोजन’ के नाम पर लखनऊ विकास प्राधिकरण और सहकारिता विभाग में फर्जी दस्तावेज़ों, अनियमित सदस्यता और करोड़ों के भूखंडों के हेरफेर का खेल चला। समता सिंह बाफ़िला, प्रवीण सिंह बाफ़िला व वीरेन्द्र कुमार सिंह, इनके परिवार और अन्य लाभार्थियों ने कागजों में समिति बना ली, फर्जी सदस्य बनाए, और करोड़ों के भूखंड हथियाए। पुलिस चुप क्यों? सहकारिता विभाग ने 2 जुलाई 2025 को पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर इन सबके खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की, लेकिन पुलिस ने अब तक न तो एफआईआर लिखी, न किसी से पूछताछ, न कोई गिरफ्तारी की। यह ‘प्रशासनिक इच्छाशक्ति’ और पुलिस निष्क्रियता का नया अध्याय बन गया है।