10 साल के बच्चे खोल सकेंगे बैंक अकाउंट:RBI का बड़ा फैसला, बिना अभिभावक के चला सकेंगे अपना बैंक अकाउंट

May 12, 2025 - 10:00
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10 साल के बच्चे खोल सकेंगे बैंक अकाउंट:RBI का बड़ा फैसला, बिना अभिभावक के चला सकेंगे अपना बैंक अकाउंट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे बच्चों को वित्तीय जिम्मेदारी और बैंकिंग के बुनियादी ज्ञान में एक नई दिशा मिलेगी। अब 10 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चे बिना गार्जियन (अभिभावक) के भी अपना बैंक अकाउंट खोल सकते हैं और उसे ऑपरेट कर सकते हैं। इससे पहले बच्चे केवल गुल्लक में पैसे इकट्ठा करते थे, लेकिन अब वे बैंक अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे वित्तीय टर्म्स से परिचित होंगे। इस फैसले से बच्चों की बैंकिंग दुनिया में एंट्री और मजबूत होगी, जिससे उन्हें छोटी उम्र से ही पैसों को मैनेज और खर्च करने की समझ मिल सकेगी। तो चलिए, आज 'जरूरत की खबर' में समझते हैं कि RBI के इस फैसले से बच्चों की बचत और बैंकिंग की दुनिया में क्या बदलेगा। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: जितेंद्र सोलंकी, फाइनेंशियल एक्सपर्ट सवाल- RBI का नया नियम क्या कहता है? जवाब- पहले बच्चों का बैंक अकाउंट खोलने के लिए किसी बड़े की जरूरत होती थी, लेकिन RBI ने अब 10 साल या उससे ज्यादा उम्र के बच्चों को बिना मम्मी-पापा या गार्जियन की मदद के भी अपना खुद का बैंक अकाउंट खोलने की अनुमति मिलेगी। इसके लिए हर बैंक अपने नियमों के हिसाब से बच्चों के लिए अकाउंट खोलेगा और सभी लेन-देन पर नजर रखी जाएगी, ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके। सवाल- RBI का यह नया नियम कब से लागू होगा और बैंकों को इसके लिए क्या करना होगा? जवाब- RBI का यह नया नियम 1 जुलाई, 2025 से लागू होगा। इस बीच बैंकों को अपनी पॉलिसी यानी नियम-कायदे बदलने होंगे और यह तय करना होगा कि बच्चों का अकाउंट कैसे खोला जाएगा, कैसे चलेगा और उसे सुरक्षित कैसे रखा जाएगा। सवाल- RBI ने यह फैसला बच्चों के लिए क्यों लिया गया? जवाब- फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि नए फैसले से अब बच्चे छोटी उम्र से ही पैसे और बैंकिंग की समझ सीख सकेंगे। जब बच्चे खुद अपना अकाउंट चलाएंगे, तो उन्हें बचत करना, पैसा संभालना और सोच-समझकर खर्च करना आ जाएगा। इससे बच्चों में वित्तीय साक्षरता यानी पैसों से जुड़ी समझ बढ़ेगी। वे जानेंगे कि पैसा कैसे कमाया, बचाया और इस्तेमाल किया जाता है। इससे वे आगे चलकर अच्छे और जिम्मेदार फैसले ले पाएंगे। ये बदलाव बच्चों को सिर्फ बैंक से जोड़ने का नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सवाल- 10 साल से छोटे बच्चों का भी अकाउंट खुलेगा? जवाब- हां, 10 साल से छोटे बच्चों का भी बैंक अकाउंट खोला जा सकता है, लेकिन वो अकाउंट उनके मम्मी-पापा या गार्जियन चलाएंगे। यानी बच्चा खुद उस अकाउंट को ऑपरेट नहीं करेगा।RBI ने साफ कहा है कि ऐसे बच्चों के अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की अनुमति नहीं होगी। सवाल- क्या बैंक को कुछ और करना होगा? जवाब- हां, RBI ने बैंकों से कहा है कि अगर वे बच्चों के नाम पर अकाउंट खोलते हैं तो सबसे पहले KYC यानी ग्राहक की पहचान की पूरी जांच करें। यह जरूरी है ताकि अकाउंट सुरक्षित और सही तरीके से खोला जा सके। जब बच्चा 18 साल का हो जाएगा तो बैंक को उससे नया सिग्नेचर और ऑपरेट करने के नए निर्देश लेने होंगे। RBI ने बैंकों को 1 जुलाई 2025 तक का समय दिया है, ताकि वे अपनी पॉलिसी अपडेट कर लें और माइनर अकाउंट्स को ठीक से चलाने की तैयारी कर सकें। इससे यह पक्का होगा कि बच्चों के अकाउंट पूरी सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ ऑपरेट हों, और उनकी पर्सनल जानकारी भी पूरी तरह से सुरक्षित रहे। सवाल- बच्चे अपने बैंक अकाउंट से कितनी राशि का लेन-देन कर सकते हैं? जवाब- बच्चे अपने बैंक अकाउंट से कितना पैसा निकाल या खर्च कर सकते हैं, यह हर बैंक की अपनी पॉलिसी पर निर्भर करेगा। यानी हर बैंक खुद तय करेगा कि बच्चों को कितनी राशि तक का लेन-देन करने की इजाजत दी जाए। बैंक यह फैसला बच्चों की उम्र, समझ और जिम्मेदारी को देखकर करेंगे, ताकि वे धीरे-धीरे पैसे को संभालना और सही तरीके से खर्च करना सीख सकें। इसका मकसद है कि बच्चे छोटी उम्र से ही समझें कि पैसा कैसे बचाया जाए, कहां खर्च करना चाहिए और कैसे जिम्मेदारी से इस्तेमाल करना चाहिए। ……………… ये खबर भी पढ़ें… आपका पैसा- पर्सनल और टॉप-अप लोन क्या है:दोनों में क्या है फर्क, कौन-सा लोन बेहतर, कितनी है ब्याज दर, जानें लेने का प्रोसेस कभी-कभी जिंदगी में ऐसे मौके आते हैं जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है। जैसे घर खरीदना हो या नया मकान बनाना हो, बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल खर्च या शादी-ब्याह के लिए। ऐसे में हमारे पास दो विकल्प सामने होते हैं। पहला है पर्सनल लोन और दूसरा टॉप-अप लोन। पर्सनल लोन कोई भी व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से ले सकता है, जबकि टॉप-अप लोन उन्हीं को मिलता है, जिन्होंने पहले से कोई लोन ले रखा हो। पूरी खबर पढ़िए...

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