इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अयोध्या जिले के रुदौली तहसील में एक लंबित मामले की सुनवाई के दौरान गंभीर स्थिति का संज्ञान लिया है। न्यायालय ने पाया कि 12 मार्च 2024 से 18 जुलाई 2025 के बीच एक मामले में 102 तारीखें लगीं। इनमें से 68 तारीखों पर तहसील बार एसोसिएशन की हड़ताल के कारण सुनवाई नहीं हो पाई। न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने मोहम्मद नाजिम खान की याचिका पर यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता ने तहसीलदार रुदौली के समक्ष लंबित अपने मुकदमे के शीघ्र निपटारे की मांग की थी। सुनवाई से इनकार नहीं कर सकते न्यायालय ने ऑर्डर शीट्स में पाया कि 27 मई 2025 से लगातार 21 तारीखों तक अधिवक्ताओं की हड़ताल के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि वकालतनामा दाखिल करने के बाद कोई वकील हड़ताल के कारण मुकदमे की सुनवाई से इनकार नहीं कर सकता। हड़ताल को उचित नहीं माना हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि रुदौली बार एसोसिएशन की इस तरह की हड़ताल को उचित नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी, जिसमें दोनों पदाधिकारियों को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है।