23 अगस्त 2014 का दिन। कोतवाली सिकंदराबाद क्षेत्र के गांव गाजीपुर निवासी राजकुमार पुत्र अमीचन्द ने थाने में दर्ज रिपोर्ट में बताया कि पड़ोसी गांव के कुछ दबंगों ने उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण कर लिया है। मामले में कोतवाली पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज की , लेकिन 11 साल बाद भी राजकुमार की बेटी को नहीं ढूंढ सकी। 5 मई 2025 को राजकुमार के फोन पर उसकी बेटी के नाम से एक मैसेज आया, जिसके बाद राजकुमार बेचैन हो उठा और पुलिस कप्तान से बेटी के ढूंढने की अपील की। यह कहानी है सिकंदराबाद के गांव गाजीपुर निवासी राजकुमार की। अब नवनियुक्त कप्तान ने सीओ सिकंदराबाद को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। क्या है पूरा मामला सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव गाजीपुर निवासी राजकुमार पुत्र अमीचन्द ने एसएसपी को दिए शिकायत पत्र में बताया कि उसकी नाबालिग बेटी का 23 अगस्त 2014 को अपहरण कर लिया गया था। कोतवाली सिकन्दर बाद में पड़ौसी गांव के आरोपियों को नामजद कर एफआईआर भी दर्ज कराई गई, लेकिन आज तक उसकी बेटी का सुराग नहीं लगा। इस मामले को लेकर वह आयोग से लेकर उच्च न्यायालय तक गया। सभी ने सुनवाई की। पुलिस को निर्देश भी दिए , लेकिन बेटी का सुराग हाथ नहीं लगा। 5 मई 2025 को उसके फोन पर एक अंजान नंबर से मैसेज आया, जिसमें दूसरी तरफ से उसकी बेटी के होने का दावा किया गया। अब पीड़ित ने कप्तान से मदद की गुहार लगाई है। बुलंदशहर के एसएसपी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि उन्हें अभी मामले की जानकारी हुई है। वह पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं। जल्द ही पूरा मामला खोल दिया जाएगा।