प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर देशभर में उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में भाजपा लखनऊ महानगर द्वारा शुक्रवार, 7 नवंबर 2025 को सीतापुर रोड स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में सुबह 10 बजे सामूहिक वंदे मातरम् गायन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने बताया कि इस दिन प्रदेश के 18 अलग-अलग स्थानों पर 150 कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक गायन और सभा का आयोजन होगा। 8 से 15 नवंबर तक सभी मंडलों में आयोजन होंगे महानगर अध्यक्ष ने बताया कि 8 से 15 नवंबर तक मंडल स्तर पर भी सामूहिक गायन और जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। विधानसभा क्षेत्रों में सांसदों और विधायकों के नेतृत्व में कार्यक्रम होंगे, जबकि मंडल स्तर पर वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में जनता की सहभागिता से यह आयोजन किया जाएगा। अभियान के तहत तिरंगा यात्राएं, प्रभात फेरियां और बाइक रैलियां निकाली जाएंगी। साथ ही प्रदर्शनियों और साहित्यिक गतिविधियों के माध्यम से लोगों को राष्ट्रगीत के इतिहास से जोड़ा जाएगा। विद्यालयों में प्रतियोगिताओं से बच्चों को जोड़ा जाएगा राष्ट्रगीत से ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर विद्यालयों और महाविद्यालयों में निबंध, कविता व चित्रकला प्रतियोगिताएं भी कराई जाएंगी। आयोजन समिति के संयोजक डॉ. विवेक सिंह तोमर ने बताया कि इन गतिविधियों का उद्देश्य नई पीढ़ी को राष्ट्रगीत के महत्व और उसके ऐतिहासिक योगदान से परिचित कराना है। वंदे मातरम्’: आज़ादी का स्वर और राष्ट्र की आत्मा ‘वंदे मातरम्’ का सृजन वर्ष 1875 में श्री बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने किया था। इसका प्रसिद्ध वाचन 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कोलकाता में किया। यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की आवाज़ है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी। वर्ष 1950 में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसे राष्ट्रगीत का दर्जा प्रदान किया। आज़ादी के दौर में यह गीत राष्ट्रवाद, एकता और प्रतिरोध का प्रतीक बन गया। ब्रिटिश शासन ने इसकी प्रखर राष्ट्रीय भावना से घबराकर इस नारे पर प्रतिबंध तक लगा दिया था।