राज्य परिवहन प्राधिकरण (RTA), उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण बैठक आगामी 7 अगस्त को आयोजित की जाएगी। यह बैठक दोपहर 2 बजे राजधानी लखनऊ स्थित परिवहन आयुक्त कार्यालय के सभागार में होगी। बैठक में प्रदेश भर के निजी बस संचालकों और यात्री परिवहन सेवाओं से जुड़े मामलों पर फैसला लिया जाएगा। परमिट नवीनीकरण, स्थानांतरण और निरस्तीकरण पर होगा निर्णय प्राधिकरण के सचिव सगीर अहमद अंसारी ने जानकारी दी कि बैठक के एजेंडे में पुराने परमिटों के नवीनीकरण, परमिट स्वामित्व के हस्तांतरण, नए परमिट के लिए आए आवेदनों, तथा निलंबित या निरस्त किए जाने योग्य परमिटों पर चर्चा की जाएगी। इनमें ऐसे वाहन संचालकों के मामले भी शामिल हैं, जिनके परमिट की वैधता खत्म हो चुकी है या जिन्होंने निर्धारित रूट पर लंबे समय तक वाहन नहीं चलाए। मथुरा-भरतपुर और गोवर्धन-भरतपुर रूटों पर निष्क्रिय परमिट होंगे रद्द बैठक में मथुरा–भरतपुर और गोवर्धन–भरतपुर मार्गों पर वर्षों से असंचालित चल रहे परमिटों को निरस्त करने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इन निष्क्रिय परमिटों के कारण यात्रियों को समय पर सुविधा नहीं मिल रही है और नए इच्छुक आवेदकों को मौके नहीं मिल पा रहे। यूपी–उत्तराखंड परिवहन समझौते के तहत 18 परमिटों के आवेदन आमंत्रित इस बार की बैठक में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के बीच हुए पारस्परिक समझौते के तहत दो अंतरराज्यीय मार्गों पर नए स्थायी सवारी गाड़ी परमिटों के आवेदन भी स्वीकार किए जाएंगे। इन मार्गों पर प्रस्तावित परमिट इस प्रकार हैं: •वलिया–बक्सर वाया बरेली बॉर्डर मार्ग पर 4 परमिट •नगीना–काशीपुर वाया धामपुर–अफजलगढ़ मार्ग पर 14 परमिट आवेदन कब और कहां जमा करें? सचिव सगीर अहमद अंसारी ने बताया कि जिन संचालकों को इन परमिटों के लिए आवेदन करना है, वे 7 अगस्त को होने वाली बैठक से पूर्व ही अपना आवेदन पत्र कोर्ट फीस सहित परिवहन आयुक्त कार्यालय के कक्ष संख्या-18 में जमा करें। समय पर जमा हुए आवेदनों को ही बैठक में शामिल किया जाएगा और उसी आधार पर विचार किया जाएगा। परिवहन प्राधिकरण की बैठक क्यों है अहम? राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक प्रदेश की यात्री बस सेवा व्यवस्था को नियंत्रित करने वाला सबसे अहम मंच है। इसी बैठक में तय होता है कि किन मार्गों पर किस ऑपरेटर को परमिट मिलेगा, किसका नवीनीकरण होगा और किन्हें निष्क्रियता या नियम उल्लंघन के चलते परमिट खोना पड़ेगा। इसलिए बस ऑपरेटरों, यात्रियों और अधिकारियों—सभी के लिए यह बैठक बेहद अहम मानी जाती है।