बरेली पुलिस को 'ऑपरेशन कन्विक्शन' अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मिली है। सात साल पुराने पत्नी की हत्या के मामले में अदालत ने पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पुलिस की प्रभावी पैरवी और अभियोजन पक्ष के सशक्त साक्ष्यों के कारण यह फैसला संभव हो सका। घटना थाना सिरौली क्षेत्र के ग्राम लीलौर सहसा की है। अभियुक्त मुकेश पुत्र आराम सिंह ने 25 मई 2018 को अपनी पत्नी को एक कमरे में बंद कर आग लगा दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी। पीड़िता के पिता ने बताया था कि शादी के कुछ समय बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए उनकी बेटी को प्रताड़ित कर रहे थे। उसे एक बार घर से निकाल भी दिया गया था, लेकिन बाद में माफी मांगकर वापस ले गए थे। घटना वाले दिन परिजनों को सूचना मिली कि उनकी बेटी को कमरे में बंद कर आग लगा दी गई है। इस संबंध में थाना सिरौली में IPC की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अभियोजन पक्ष ने मुकदमे में आठ गवाहों के बयान प्रस्तुत किए। सभी साक्ष्यों और गवाही के आधार पर अदालत ने आरोपी मुकेश को दोषी पाया। अदालत ने आरोपी मुकेश को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड न अदा करने पर उसे एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।