2018 से 2025 तक देश के बड़े एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में करीब 98 छात्रों ने आत्महत्या की है। इनमें से 39 IITs, 25 NITs, 25 सेंट्रल यूनिवर्सिटी, और 4 IIMs से थे। बढ़ते स्टूडेंट्स सुसाइड पर स्वयं संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया था जिसे इस समस्या का कारण पता करने के लिए सर्वे करने की जिम्मेदारी दी गई थी। कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि अधिकांश शैक्षणिक संस्थान इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं। कमेटी द्वारा किए जा रहे सर्वे में देश के 57,000 से अधिक शैक्षणिक संस्थान सहयोग नहीं कर रहे, जिनमें ज्यादातर IIT, IIM, AIIMS और NIT शामिल हैं। 3,500 ने जवाब दिया; 57,000 ने जवाब नहीं भेजा सुप्रीम कोर्ट ने संस्थानों के इस रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है। सीनियर एडवोकेट अपर्णा भट्ट ने जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच को बताया कि सर्वे के लिए चार बार रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद 17 IIT, 15 IIM, 16 AIIMS, और 24 NIT ने कोई जवाब नहीं दिया है। अब तक केवल करीब 3,500 संस्थानों ने सर्वे का जवाब दिया है। बेंच ने कहा, 'ये पूरा प्रयास छात्रों के हित में किया जा रहा है। सभी संस्थानों से अपेक्षा है कि वे इस काम में पूरा सहयोग और सहायता दें, ताकि नेशनल टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके।' बेंच ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया, 'हम केंद्र सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले और सभी संस्थानों को दोबारा इस सर्वे में सहयोग करने के लिए प्रेरित करे।' कोर्ट ने कहा, 'हम संस्थानों को एक आखिरी मौका दे रहे हैं। अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो हमें ऐसे आदेश देने पड़ सकते हैं जो उन्हें पसंद नहीं आएंगे और इससे उनके संस्थानों की छवि पर भी गलत असर पड़ेगा।' कोर्ट ने रिटायर्ड जज रविंद्र भट की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें मनोचिकित्सक, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, और शिक्षा नीति के विशेषज्ञ शामिल हैं। टास्क फोर्स का उद्देश्य है कैंपस में छात्रों के आत्महत्या के कारणों की पहचान करना और उन्हें रोकने के तरीके सुझाना। मार्च में कोर्ट ने टास्क फोर्स बनाने का आदेश दिया था सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मार्च में छात्रों की मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं और आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए 'नेशनल टास्क फोर्स' (NTF) बनाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यूनिवर्सिटीज न केवल लर्निंग सेंटर बनें, बल्कि छात्रों के कल्याण और विकास के लिए जिम्मेदार संस्थान की भूमिका भी निभाएं। 13,000 से ज्यादा छात्रों ने आत्महत्या की – NCRB रिपोर्ट राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, 13,000 से अधिक छात्रों ने आत्महत्या की, जो पिछले दशक की तुलना में लगभग दोगुना है। 2022 के आंकड़ों में आत्महत्याओं में 7.6% हिस्सेदारी छात्रों की थी, जिनमें से 1.2% मामलों की वजह करियर या प्रोफेशनल समस्याएं और 1.2% परीक्षा में असफलता रही। 10 साल से लगातार बढ़ रहे स्टूडेंट्स सुसाइड नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी NCRB की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में 13,892 स्टूडेंट्स सुसाइड कर चुके हैं। ये आंकड़ा पिछले दस सालों में सबसे ज्यादा है। 2023 में हुई आत्महत्याओं में 8.1% स्टूडेंट्स ने की थी। ------------------ ये खबरें भी पढ़ें... UP PCS प्रीलिम्स 2025 एनालिसिस: पिछले सालों के मुकाबले पेपर मुश्किल रहा, जनरल/OBC की कट-ऑफ 125 हो सकती है- एक्सपर्ट UPPSC यानी उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन का PCS प्रीलिम्स एग्जाम रविवार को हुआ। ये एग्जाम उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के 1,435 सेंटर्स पर आयोजित हुआ और 6 लाख से ज्यादा युवा यह परीक्षा देने पहुंचे। पेपर के बाद दैनिक भास्कर ने एक्सपर्ट बी.सिंह से बात की जो फिलहाल नेक्स्ट IAS एंड मेड इजी ग्रुप के CMD हैं। पूरी खबर पढ़ें...