93वां वायुसेना दिवस आज:दुनिया में चौथी सबसे बड़ी वायु सेना भारत की; 3 लेवल पर होती है भर्ती

Oct 8, 2025 - 11:00
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93वां वायुसेना दिवस आज:दुनिया में चौथी सबसे बड़ी वायु सेना भारत की; 3 लेवल पर होती है भर्ती
8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना का 93वां वायुसेना दिवस मनाया जा रहा है। इस साल इसका थीम है, ‘भारतीय वायु सेना- सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’। इस साल वायु सेना दिवस ऑपरेशन सिंदूर के वीर योद्धाओं को समर्पित है। इस मौके पर वायु सेना साहस और शौर्य के लिए कुल 97 वीरता पुरस्कार बांटेगी। दुनिया में चौथी सबसे बड़ी वायु सेना भारत के पास दुनिया में भारत के पास चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। IAF के पास 1700 से ज्यादा एयरक्राफ्ट और 1,40,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। भारतीय वायु सेना का पास दुनिया के सबसे एड्वांस्ड फाइटर जेट्स में से एक सुखोई Su-30MKI है जिसे माइटी हंटर भी कहते हैं। IAF के पास गरुड कमांडो फोर्स भी है जिसे काउंटर टेररिज्म, कॉम्बैट सर्च एंड रेस्क्यू और होस्टेज रेस्क्यू जैसे मिशन्स के लिए तैयार किया गया है। इंडो-पाक वॉर में IAF की अहम भूमिका रही वर्ल्ड वॉर 2 के बाद किसी युद्ध में भाग लेने वाली IAF एकलौती वायु सेना है। IAF ने 1971 इंडो-पाक युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी जिसके बाद बांग्लादेश की स्थापना हुई। 3 दिसंबर 1971 की शाम को पाकिस्तान एयर फोर्स ने भारतीय वायु सेना के अमृतसर, आगरा, पठानकोट, श्रीनगर, फरीदकोट और हलवारा के बेसों पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले के लिए भारतीय वायु सेना तैयार नहीं था। साथ ही जिस समय यह हमला हुआ वो वायु सेना के अफसरों का शिफ्ट बदलने का समय था। इसके बाद IAF ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर हमला किया। मिग-21 फाइटर जेट की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। कारगिल युद्ध में ऑपरेशन सफेद सागर बना गेम चेंजर साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारत के लिए क्षेत्र की दुर्गम पहाड़ियां और छिपे रास्ते सबसे बड़ी चुनौती थी। ऐसे में भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन सफेद सागर लॉन्च किया। यह मिशन 40 दिन चला जिसमें 500 से ज्यादा मिशन्स को अंजाम दिया गया। इक मिशन के दौरान मिग-21 उड़ा रहे स्क्वाड्रन लीडर अजय अहूजा दुश्मन की मिसाइल का शिकार हो गए। उन्होंने तुरंत खुद को इजेक्ट किया लेकिन वो पाकिस्तानी सेना के हाथ लग गए और मारे गए। वायु सेना में भर्ती के हैं तीन रास्ते भारतीय वायु सेना में मुख्य रूप से तीन डिपार्टमेंट्स में हैं जहां भर्ती पा सकते हैं। वो हैं- फ्लाइंग ब्रांच, ग्राउंड ड्यूटी टेक्निकल ब्रांच और ग्राउंड ड्यूटी नॉन टेक्निकल ब्रांच। इन सभी में 12वीं के बाद, ग्रेजुएशन के बाद और पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद भर्ती पा सकते हैं। 1. 12वीं के बाद इसके जरिए कैंडिडेट्स फ्लाइंग ब्रांच, ग्राउंड ड्यूटी टेक्निकल ब्रांच और ग्राउंड ड्यूटी नॉन टेक्निकल ब्रांच में भर्ती पा सकते हैं। फ्लाइंग ब्रांच और ग्राउंड ड्यूटी टेक्निकल ब्रांच जॉइन करने वाले कैंडिडेट्स को BTech जबकि ग्राउंड ड्यूटी नॉन टेक्निकल ब्रांच जॉइन करने वाले कैंडिडेट्स को BSc की डिग्री दी जाएगी। एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया… ग्रेजुएशन के बाद इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर चुके कैंडिडेट्स एयरफोर्स एकेडमी के जरिए फ्लाइंग ब्रांच जॉइन कर सकते हैं। इसके लिए CDSE यानी कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जाम, NCC स्पेशल एंट्री या AFCAT एंट्री के जरिए भर्ती पा सकते हैं। CDSE केवल पुरुष कैंडिडेट्स के लिए है, वहीं बाकी दोनों में महिलाएं भी अप्लाई कर सकती हैं। एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया… 3. पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद ग्राउंड ड्यूटी नॉन टेक्निकल ब्रांच में भर्ती की जाती है। इनका काम ह्यूमन और मटेरियल रिसोर्सेज को मैनेज करना होता है। इसमें महिलाएं और पुरुष दोनों कैंडिडेट्स अप्लाई कर सकते हैं। एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया… 4. अग्निवीर वायु 12वीं पास कैंडिडेट्स अग्निवीर वायु भर्ती के जरिए भी एयरफोर्स में भर्ती हो सकते हैं। 17.5 से 21 साल तक के सिंगल कैंडिडेट्स इसमें अप्लाई कर सकते हैं। हालांकि यह भर्ती सिर्फ चार साल के लिए होती है। इसके बाद केवल 25% कर्मचारियों को ही रीटेन किया जाता है। —————— ऐसी ही और खबरें पढ़ें... 1. इम्‍यून सिस्‍टम क्‍यों नहीं करता शरीर के अंगों पर हमला:क्‍या है 'पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस' जिसकी खोज के लिए मिला मेडिसिन का नोबेल 6 अक्‍टूबर को नोबेल कमेटी ने मेडिसिन के नोबेल अवॉर्ड की की घोषणा की। मैरी ई. ब्रंकॉ, फ्रेड रैम्सडेल और शिमोन सकागुची को 'पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस' की खोज के लिए इस साल ये अवॉर्ड मिला है। पूरी खबर पढ़ें...

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