उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, प्रयागराज की ओर से APS (अपर निजी सचिव) भर्ती घोटाले की CBI जांच चल रही है। सीबीआई जांच की प्रगति के संबंध में कल 8 सितंबर को समीक्षा बैठक आयोजित की गई है। मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश की ओर से यह उच्च स्तरीय बैठक कल सोमवार को दोपहर 3 बजे बुलाई गई है। यह बैठक सचिवालय, लखनऊ के बहुखंडी भवन में होगी। वहीं, प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय, ने कहा कि हम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वो CBI जांच में सहयोग करेगी और अनैतिक तरीके से चयनित अभ्यर्थियों को अविलंब निलंबित कर के उन्हें विरुद्ध आगे कठोर कार्यवाही करेगी। , 2018 में हुई थी CBI जांच की संस्तुति उत्तर प्रदेश सरकार ने 4 सितंबर 2018 को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एपीएस भर्ती-2010 में बरती गई अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति की थी। CBI की प्रारंभिक जांच में आयोग में कार्यरत कुछ अफसरों के विरूद्ध भर्ती में अनियमितता बरतने के पुख्ता प्रमाण मिले थे। इसके बाद CBI ने 30 दिसंबर 2020 को शासन के नियुक्ति विभाग से तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आईएएस अधिकारी प्रभुनाथ के विरूद्ध तथा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से आयोग के तीन अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच करने की अनुमति मांगी थी। आयोग अपने अफसरों के खिलाफ जांच की नहीं दे रहा था अनुमति नियुक्ति विभाग ने तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दे दी थी, लेकिन लोक सेवा आयोग ने अपने अफसरों के खिलाफ जांच करने की अनुमति नहीं दी थी, जिसके चलते CBI की ओर से चार अगस्त 2021 को इस मामले में जो एफआईआर दर्ज कराई गई उसमें तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक का नाम तो था, लेकिन आयोग के अफसरों के नामों का खुलासा नहीं किया गया था। जांच आगे बढ़ाने के लिए CBI लगातार आयोग से अनुमति मांग रही थी और शासन से भी हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया जा रहा था, लेकिन आयोग से अनुमति नहीं मिल रही थी।