बीएचयू में पीजी पाठ्यक्रमों में इस बार भी बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गई हैं। चार सामान्य व दो स्पॉट राउंड की लंबी प्रवेश प्रक्रिया के बावजूद दो हजार से अधिक सीटें अब तक नहीं भर पाई हैं। ऐसे में बीएचयू प्रशासन ने छात्रों को अंतिम मौका देने के लिए मॉपअप राउंड आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस राउंड की प्रक्रिया बुधवार से शुरू हो रही है और अगले दस दिनों में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ऑफलाइन पद्धति से होगा प्रवेश मॉपअप राउंड की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस बार प्रवेश की प्रक्रिया पुराने तरीके यानी ऑफलाइन मोड में कराई जाएगी। अब तक ऑनलाइन माध्यम से प्रवेश दिए जा रहे थे, लेकिन सीटों के खाली रहने की समस्या को देखते हुए बीएचयू ने परंपरागत प्रणाली अपनाने का फैसला किया है। इसमें छात्रों को सीधे संबंधित विभाग में जाकर आवेदन जमा करना होगा और वहीं उनकी पात्रता के आधार पर सीट आवंटित की जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया छात्रों को सबसे पहले बीएचयू एडमिशन पोर्टल या समर्थ पोर्टल से आवेदन प्रपत्र डाउनलोड करना होगा। इसके बाद उसे सही तरीके से भरकर सभी आवश्यक शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के साथ संबंधित विभाग में जमा करना होगा। आवेदन जमा करते समय छात्रों को दो हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट भी प्रस्तुत करना होगा। यदि किसी कारणवश छात्र का चयन नहीं होता है, तो यह राशि लौटा दी जाएगी। समयबद्ध कार्यक्रम बीएचयू प्रशासन ने इस पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध बनाने के लिए विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है। बुधवार शाम छह बजे तक खाली सीटों की सूची विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके बाद 6 सितंबर को छात्रों को विभागों में जाकर अपने आवेदन जमा करने होंगे। विभागीय स्तर पर प्राप्त आवेदनों की जांच के बाद 8 सितंबर को मेरिट सूची जारी की जाएगी। इसके उपरांत 11 सितंबर तक सीटों का आवंटन कर दिया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों को सीटें मिलेंगी, उन्हें दो दिन के भीतर प्रवेश शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा। छात्रों के लिए आखिरी अवसर विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मॉपअप राउंड ही अंतिम अवसर है। इसके बाद किसी भी प्रकार की अतिरिक्त प्रवेश प्रक्रिया आयोजित नहीं की जाएगी। इसलिए योग्य व इच्छुक अभ्यर्थियों को तय समय सीमा के भीतर आवेदन करने की सलाह दी गई है। क्यों खाली रह गईं सीटें? विशेषज्ञों के अनुसार इस बार राष्ट्रीय स्तर पर कई विश्वविद्यालयों की प्रवेश प्रक्रिया एक साथ चल रही है। साथ ही, निजी और राज्य विश्वविद्यालयों ने भी तेजी से एडमिशन पूरे कर लिए। ऐसे में बड़ी संख्या में छात्र अन्य संस्थानों में दाखिला ले चुके हैं। इसके अलावा, कई कोर्सों में छात्रों की रुचि कम होने से सीटें खाली रह गई हैं।