देहरादून में आज भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में भव्य पासिंग आउट परेड होगी। ऐतिहासिक चेटवुड हॉल के ड्रिल स्क्वायर पर सुबह साढ़े सात बजे से यह परंपरागत समारोह शुरू होगा, जिसमें अनुशासन, पराक्रम और भारतीय सेना की गौरवशाली विरासत का जीवंत प्रदर्शन होगा। इस बार परेड के रिव्यूइंग अफसर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी होंगे। परेड के दौरान 525 ऑफिसर कैडेट औपचारिक रूप से भारतीय सेना और मित्र देशों की सेनाओं का हिस्सा बनेंगे। इनमें 491 कैडेट भारतीय सेना में शामिल होंगे, जबकि 34 कैडेट 14 मित्र देशों की सेनाओं को नई ऊर्जा और नेतृत्व का परिचय देंगे। पासिंग आउट परेड के दौरान मुख्य अतिथि द्वारा सलामी ली जाएगी और कैडेट्स अंतिम पग पर अकादमी की ओर देखकर अपनी नई जिम्मेदारी की शुरुआत करेंगे। यह क्षण हर कैडेट के जीवन का सबसे भावुक और गौरवपूर्ण पल माना जाता है। फिक डायवर्जन और सुरक्षा इंतजाम आज सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक IMA की ओर सभी आम यातायात पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा और पूरा क्षेत्र जीरो जोन घोषित किया गया है। इस दौरान बल्लूपुर से प्रेमनगर जाने वाले वाहनों को रांघड़वाला-मीठी बेरी के मार्ग से डायवर्ट किया जाएगा। छोटे वाहन प्रेमनगर चौक से एमटी गेट, मीठी बेरी गेट और रांघड़वाला होते हुए शहर में प्रवेश करेंगे। वहीं, भारी वाहन धूलकोट तिराहा, सिंघनीवाला और नया गांव मार्ग से शहर की ओर जाएंगे। देहरादून से विकासनगर जाने वाले वाहन शिमला बाईपास होकर डायवर्ट होंगे। क्या है IMA की पासिंग आउट परेड? IMA की पासिंग आउट परेड भारतीय सेना की सबसे भव्य सैन्य परंपराओं में गिनी जाती है। परेड चेटवुड ड्रिल स्क्वायर में होती है, जिसे 'टेम्पल ऑफ मार्शल लर्निंग' भी कहा जाता है। सभी कैडेट्स कदमताल के साथ अंतिम मार्च करते हैं। मुख्य अतिथि द्वारा सलामी लेने के बाद कैडेट्स अंतिम पग पर अकादमी की ओर देखकर अपनी नई जिम्मेदारी संभालते हैं। पिपिंग और ओथ टेकिंग के दौरान कैडेट्स के कंधों पर रैंक के सितारे लगते हैं, जिससे वे 'कैडेट' से 'सैन्य अधिकारी' बन जाते हैं। इसके बाद नए अधिकारी राष्ट्र सेवा की शपथ लेते हैं। IMA क्यों है खास? 93 साल पुरानी गौरवशाली परंपरा IMA की स्थापना 1 अक्टूबर 1932 को जनरल सर फिलिप चेटवुड ने की थी। शुरू में 40 कैडेट्स के साथ शुरू हुई यह अकादमी अब 1660 कैडेट्स की सुविधा प्रदान करती है। अब तक 66,000 से अधिक कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं, जिनमें 3,000 विदेशी कैडेट्स भी शामिल हैं।