लखनऊ विकास प्राधिकरण अब अपनी योजनाओं में बनी खाली दुकानों को भी सीधे बेचने की तैयारी में है। जिन दुकानों को अब तक बार-बार नीलामी में रखा गया लेकिन खरीदार नहीं मिले, उन्हें अब पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर बेचा जाएगा। इस प्रस्ताव को 4 अगस्त को होने वाली बोर्ड बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। शहर की कई आवासीय योजनाओं में एलडीए ने बाज़ार भी विकसित किए हैं, लेकिन इनमें से कई जगहों पर 100 से ज्यादा दुकानें पिछले 15 वर्षों से खाली पड़ी हैं। नीलामी प्रक्रिया कई बार अपनाई गई, पर कीमतें अधिक होने की आशंका और दुकानों की खराब हालत के कारण खरीदार आगे नहीं आए। अब एलडीए का मानना है कि फ्लैटों की तरह अगर दुकानों को भी सीधे बिक्री के लिए रखा जाए, तो लोगों की रुचि बढ़ सकती है। जानकारों के मुताबिक इन दुकानों की लोकेशन और हालात भी बिक्री में बाधा बन रहे हैं। इसके बावजूद अब प्राधिकरण इस नई नीति के तहत खरीदारों को सीधे अवसर देने की योजना बना रहा है। यदि बोर्ड से मंजूरी मिलती है, तो जल्द ही इन दुकानों की सीधी बिक्री शुरू हो सकती है।