लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन (LMA) ने शनिवार को पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और लेखक अनिल स्वरूप (सेवानिवृत्त IAS) की पुस्तक 'You Can Make It Happen'पर एक चर्चा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रशासन, शिक्षा और प्रबंधन जगत के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। अनिल स्वरूप ने इस अवसर पर अपने दशकों लंबे प्रशासनिक अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किसी भी विचार को साकार करने के लिए केवल इच्छाशक्ति ही नहीं, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक, तकनीकी और भावनात्मक समझ का संतुलन आवश्यक होता है। स्वरूप ने इस बात पर जोर दिया कि परिवर्तन की शुरुआत व्यक्ति के भीतर से होती है। उनका मानना है कि जब व्यक्ति भावनात्मक रूप से मजबूत, बौद्धिक रूप से स्पष्ट और दृष्टिकोण में सकारात्मक होता है, तभी वह किसी भी व्यवस्था को बदलने में सक्षम होता है। वास्तविकता में बदलना एक जटिल, लेकिन संभव प्रक्रिया चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि भारत जैसी लोकतांत्रिक और नौकरशाही व्यवस्था में विचारों को वास्तविकता में बदलना एक जटिल, लेकिन संभव प्रक्रिया है, बशर्ते नेतृत्व दूरदर्शी हो।विशिष्ट पैनल में जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ की निदेशक डॉ. कविता पाठक और हिंदुस्तान टाइम्स की कंसल्टिंग एडिटर सुनीता एरन शामिल थीं। कार्यक्रम का संचालन उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता (सेवानिवृत्त IAS) ने किया, जिन्होंने अपने प्रशासनिक अनुभवों से चर्चा को और समृद्ध किया। कार्यक्रम में 100 से अधिक सदस्य शामिल हुए एलएमए के इस आयोजन ने नेतृत्व, सुशासन, व्यक्तिगत विकास और व्यवस्थागत परिवर्तन में व्यक्ति की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक विमर्श को नई दिशा दी। कार्यक्रम में 100 से अधिक सदस्य शामिल हुए। प्रमुख अतिथियों में आर. रमणी (सेवानिवृत्त IAS), वी.एन. चन्ना (IAS), डॉ. सुनीता गांधी और विमल चंद्र (IAS) जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे।