उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (PCS) प्रारंभिक परीक्षा-2025 तथा सहायक वन संरक्षक (ACF)/क्षेत्रीय वन अधिकारी (RFO) प्रारंभिक परीक्षा-2025 का परिणाम सोमवार को जारी कर दिया। 20 फरवरी को जारी विज्ञापन के तहत कुल 6,26,387 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। आयोग द्वारा 12 अक्टूबर को आयोजित परीक्षा में 2,65,270 अभ्यर्थी शामिल हुए। परीक्षा में इस बार रिक्त पदों की संख्या बढ़कर 200 से साढ़े चार गुना होकर 920 हो गई है। इनमें PCS के 814 पद और ACF/RFO के 106 पद शामिल हैं। आयोग के सचिव अशोक कुमार के अनुसार, कुल 11,727 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए अर्ह घोषित किया गया है। सभी सफल अभ्यर्थियों की सूची आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। 920 पदों के लिए 6.26 लाख अभ्यर्थी थे शामिल
12 अक्टूबर को प्रदेश के सभी 75 जिलों में यह परीक्षा हुई थी। इसमें कुल 920 पदों के लिए 6.26 लाख अभ्यर्थियों ने दावेदारी की थी। इस परीक्षा में नकल रोकने के लिए उप्र लोक सेवा आयोग ने कई बड़े बदलाव किये थे जैसे AI मूवमेंट डिटेक्शन और एआई एनालिटिक्स सिस्टम का प्रयोग इस परीक्षा में किया गया था। परीक्षा 2 पालियों में हुई थी। पहली पाली की परीक्षा सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक। प्रयागराज में सबसे ज्यादा 67 केंद्र थे
प्रयागराज में इस परीक्षा के लिए 67 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। यहां 28,368 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। कानपुर में 39 केंद्रों पर 17,500 परीक्षार्थी, नाेएडा में 27 सेंटर पर 8376 परीक्षार्थी, झांसी में 27 सेंटरों पर 11,500 परीक्षार्थी, गोरखपुर में 41 सेंटरों पर 19000 परीक्षार्थी, आजमगढ़ में 27 केंद्रों पर 12000 परीक्षार्थी, वाराणसी में 49 केंद्रों पर 22752 परीक्षार्थी थे। इसी तरह अलीगढ़ में 28 केंद्रों पर 13152 परीक्षार्थी, आगरा में 29 केंद्रों पर 14472 परीक्षार्थी, मेरठ में 42 केंद्रों पर 19680 परीक्षार्थी, मथुरा में इसके लिए 25 परीक्षा केंद्रों पर 10896 परीक्षार्थी थे। प्रत्येक 12 अभ्यर्थी पर एक कक्ष निरीक्षक तैनात किए गए थे सभी परीक्षा केंद्र पर एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट व स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ केंद्र प्रभारियों की तैनाती थी। कंट्रोल रूम से परीक्षार्थी का हर मूवमेंट नजर में
दरअसल, पिछले साल इस परीक्षा में सेंधमारी के बाद आयोग के सामने अभ्यर्थियों ने कई दिनों बड़ा आदोलन किया था। इसके बाद अब यह परीक्षा दोबारा 12 अक्टूबर कराई गई थी। इसी लिए आयोग ने इस परीक्षा में एआई तकनीकी से लैस कंट्रोल रूम बनाया था। इस बार परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थी किसी भी प्रकार से मूवमेंट करता हुआ पाया गया तो अलर्ट सीधे कंट्रोल रूम को भेजता। यहां तक कि गर्दन के हिलने पर भी अलर्ट जारी हो जाता।