सुप्रीम कोर्ट में बिहार में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR (सामान्य शब्दों में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन) पर सुनवाई हो रही है। इससे पहले 14 अगस्त को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ECI को वोटर लिस्ट से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम कारण के साथ वेबसाइट पर डालने को कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद ECI ने 65 लाख लोगों की लिस्ट वेबसाइट पर जारी की थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का राजनीतिक दल के रूप में रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की है। साथ ही पार्टी नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव आयोग के खिलाफ 'वोट चोरी' अभियान की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित करने की मांग की गई है। इसके अलावे पार्टी के नेताओं के सार्वजनिक बयान और भाषण पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग याचिका में की गई है। 1 सितंबर तक दावा और आपत्तियां कर सकते हैं दर्ज बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का पहला चरण पूरा हो चुका है। 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची जारी कर दी गई है। इस दौरान बूथ स्तर अधिकारियों ने घर-घर जाकर नामों का सत्यापन किया। कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने अपने नाम की पुष्टि कर फॉर्म जमा किया। ड्राफ्ट सूची पर दावा और आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 1 सितंबर 2025 तय की गई है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। सभी जगहों पर विशेष कैंप भी लगाया गया है जहां पर लोग जाकर अपना फॉर्म भर सकते हैं। SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...