उत्तराखंड अल्मोड़ा में तेजी से वायरल फैला रहा है, जिससे 9 लोगों की मौत हो गई। घटना धौलादेवी ब्लॉक की है। पिछले दो हफ्तों से देवलीबगड़, विवड़ी, धुराटाक, मला, खेती सहित करीब 12 गांवों में अचानक तेज बुखार फैल गया है। अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 60 से ज्यादा ग्रामीण बीमार हैं। कई घरों में पूरा परिवार ही बुखार की चपेट में है। अचानक गिरे प्लेटलेट्स, कई की 24-30 घंटे में मौत ग्रामीणों के मुताबिक, बीमारी की शुरुआत तेज बुखार और शरीर में दर्द से होती है। कई मामलों में मरीजों की हालत 24 से 30 घंटे के अंदर ही बिगड़ गई और मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर 50 से 70 साल के बुजुर्ग शामिल हैं। सिर्फ पिछले तीन दिनों में ही पांच लोगों की जान चली गई। अस्पताल दूर… इलाज में हुई देर दूरदराज गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं, जिसके चलते लोग समय पर डॉक्टर तक नहीं पहुंच पाए। ग्रामीण गणेश पांडे बताते हैं कि उन्होंने ही इस प्रकरण की जानकारी मीडिया तक पहुंचाई। उनका कहना है, “अगर समय पर कार्रवाई होती तो कई जानें बच सकती थीं।” 13 लोग जिला अस्पताल में भर्ती, 4 में टाइफाइड की पुष्टि स्थिति बिगड़ते ही स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ और 16 टीमों को गांव-गांव भेजा गया। गंभीर 13 मरीजों को अल्मोड़ा जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। इनमें से चार मरीजों में टाइफाइड की पुष्टि हुई है, बाकी सैंपलों की रिपोर्ट का इंतजार है। दूषित पानी से फैला संक्रमण – टैंक में मिला कोलीफार्म बैक्टीरिया जिला सर्वेलांस अधिकारी डॉ. कमलेश जोशी ने बताया कि पानी सप्लाई करने वाले टैंक की जांच में कोलीफार्म बैक्टीरिया पाया गया है। यही बैक्टीरिया टाइफाइड, डायरिया, उल्टी, हैजा जैसी बीमारियां फैलाता है। पानी का क्लोरीनेशन कर सफाई तो कर दी गई है, लेकिन ग्रामीणों को उबला पानी पीने की सलाह दी गई है। लापरवाही पर ग्रामीणों में गुस्सा – महीनों से हो रही थी शिकायतें धार गांव के सुरेश पांडे कहते हैं, “पानी के टैंक की सफाई समय पर नहीं होती। पाइपलाइन टूटी हुई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं।” धौलादेवी ब्लॉक के करीब 7 हजार ग्रामीण सरयू–दन्या पेयजल योजना पर निर्भर हैं। CMO बोले – "स्थिति काबू में, रहस्यमय बीमारी नहीं" मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.सी. तिवारी का कहना है कि यह कोई रहस्यमय संक्रमण नहीं, बल्कि गंदे पानी से फैला बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। मृतकों की सूची में शामिल प्रमुख नाम ग्रामीणों की मांग – “सिर्फ क्लोरीनेशन नहीं, जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो” ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अब सक्रिय हुआ है, लेकिन सवाल यह है कि सात हजार लोगों की जिंदगी को खतरे में डालने की जिम्मेदारी कौन लेगा? सरकार ने कहा है कि हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन गांवों में अभी भी डर का माहौल है।