असम में रविवार शाम 4:41 बजे 5.8 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक,भूकंप का केंद्र असम के उदलगुरी में 5 किलोमीटर की गहराई पर था। इसके झटके पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और पड़ोसी देश भूटान तक महसूस किए गए। भूकंप के बाद गुवाहाटी में लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। अब तक कहीं से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि, कई मकानों में दरारें आ गई हैं। असम में भूकंप से मकानों में दरार CM बोले- अभी तक कोई भी नुकसान नहीं केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा— “असम में बड़ा भूकंप आया। सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं, सभी सतर्क रहें। नॉर्थ ईस्ट में लगातार भूकंप आते रहते हैं नॉर्थ ईस्ट उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आता है, जहां इस तरह के भूकंप अक्सर आते रहते हैं। इससे पहले 2 सितंबर को असम के सोनितपुर जिले में 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। भारत में इस साल के 4 बड़े भूकंप 10 जुलाईः दिल्ली NCR में 4.4 तीव्रता भूकंप, हिसार केंद्र था दिल्ली में 10 जुलाई को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था। यहां रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.4 थी। इसकी वजह से दिल्ली और NCR में भूकंप के झटके महसूस किए गए। किसी तरह के नुकसान नहीं हुआ। 19 अप्रैल: 5.8 तीव्रता का भूकंप, केंद्र अफगानिस्तान था
अफगानिस्तान में 19 अप्रैल की दोपहर 12:17 बजे रिक्टर स्केल पर 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका असर जम्मू-कश्मीर और दिल्ली-NCR तक महसूस किया गया था। जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप का असर जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया। श्रीनगर में एक व्यक्ति ने बताया- मैं दफ्तर में था, तभी मेरी कुर्सी हिली। कुछ इलाकों से लोगों को घरों और ऑफिस से बाहर भागते देखा गया। 17 फरवरी: 4 तीव्रता का भूकंप, केंद्र नई दिल्ली था
दिल्ली-NCR में 17 फरवरी की सुबह करीब 5:36 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। ढाई घंटे बाद सुबह 8 बजे बिहार के सिवान में भी भूकंप आया। दोनों जगह रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई। भूकंप का केंद्र नई दिल्ली में जमीन में पांच किमी की गहराई में था। भूकंप के तेज झटकों से लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए थे। हालांकि, किसी भी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं थी। भूकंप क्यों आता है?
हमारी धरती की सतह मुख्य तौर पर 7 बड़ी और कई छोटी-छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से मिलकर बनी है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं। टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। ग्राफिक्स से समझिए किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक... ------------------------------------------ भूकंप से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... चीन में भूकंप से 126 की मौत, 188 घायल; रिक्टर स्केल पर 7.1 तीव्रता चीन के तिब्बत प्रांत में जनवरी में आए भूकंप से 126 लोगों की मौत हो गई, जबकि 188 घायल हो गए। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक सुबह 9.05 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 6.30 बजे) आए इस भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। पूरी खबर पढ़ें...