आगरा में अवैध असलाहों की खरीद फरोख्त और फर्जी लाइसें के माध्यम से हथियार खरीदने और बचने का मामला सामने आया है। लंबी जांच के बाद आगरा एसटीएफ ने आगरा के थाना नाई की मंडी में सात लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें डीएम कार्यालय का रिटायर बाबू भी शामिल है। मामला हाई प्रोफाइल है। थाना नाई की मंडी में दर्ज एफआईआर के अनुसार एसटीएफ को अज्ञात व्यक्ति द्वारा शिकायत मिली थी। इसमें कहा गया था कि शस्त्र धारक मोहम्मद जैद खान पुत्र शेर खान के शस्त्र लाईसेंस 1227/03 रिवाल्बर / पिस्टल एनपीक शस्त्र श्रेणी-8 में बनवाया गया, जिसमें जन्मतिथि 25-11-1975 आवेदन किया गया, जबकि इनकी मूल जन्मतिथि, अभिलेखों के आधार पर 25-11-1972 पाई गई । इनके द्वारा शस्त्र लाइसेंस बनवाए जाने के लिए फर्जी कागज और फर्जी शपथपत्र दिया गया। मोहम्मद अरशद खान निवासी नई आवादी नगला मेवाती ताजगंज आगरा के पांच शस्त्र लाईसेंस जिसमें 6365/ ताजगंज, 6491/ ताजगंज, 6415/ ताजगंज, 316/ताजगंज, 6248/ ताजगंज, द्वारा जन्मतिथि 15-01-1985 के प्रपत्रों पेन, आधार कार्ड, ड्राईविंग लाइसेंस के आधार 5 शस्त्र लाईसेंस तैयार कराए गए। जबकि उसके अंकतालिका में जन्म का वर्ष 1988 है। लाईसेंस बनने से पूर्व वर्ष 2006 में इनकी जन्म तिथि 15-01-1988 थी। जांच में सामने आया कि प्रपत्रों में कम उम्र लिखाने का उद्देश्य निशानेबाज बनकर अनुचित लाभ लेना था। वहीं, 5 हथियार के लाइसेंस पर शस्त्र और कारतूस देश-विदेश में आयतित करना है। आरोपी द्वारा सभी शस्त्रों की परचेज, इम्पोर्ट इनवाइज और अपने पासपोर्ट का विवरण नोटिस देने के बाद भी उपलब्ध नहीं कराए। इतना ही नहीं जांच में भी सहयोग नहीं किया गया।
शस्त्र लाईसेंस धारक राजेश कुमार बघेल पुत्र फौरन सिंह निवासी 7/39 जवाहर नगर थाना न्यूआगरा द्वारा अपने द्वारा अपने अवैध और अस्तित्व में न पाए जाने वाली पत्रावली और शस्त्र लाइसेंस पर क्रय कर पंजीकृत कराए गए हैं। इस शस्त्र के कोई भी प्रपत्र व क्रय संबधी कागज, रसीद, दुकान आदि क्रय का स्थान, पता उपलब्ध नही कराया। शस्त्र लाइसेंस बनवाने और गुम होने व जांच के दौरान प्रकाश में आए शस्त्र खरीदने वाले शोभित चतुर्वेदी को शस्त्र विक्रय करने के कोई वैधानिक जांच के दौरान उपलब्ध नही कराए। इनकी शस्त्र पत्रावली जिलाधिकारी कार्यालय आगरा में भी उपलब्ध नहीं मिली। शस्त्र लाइसेंस धारक भूपेन्द्र सारस्वत 21 वर्ष पूर्ण न होने और शस्त्र लाइसेंस न-407/ थाना जगदीशपुरा आगरा की मूल पत्रावली जिलाधिकारी के कार्यालय आगरा में नहीं मिली। शस्त्र लाइसेंस न0-407/थाना जगदीशपुरा उक्त शस्त्र लाइसेंस वर्ष 2016-17 में गुम होना बताया गया था, जिसके संबंध में थाना जगदीशपुरा आगरा पर गुमशुदगी संबधी प्रपत्र एवं शस्त्र क्रय उपलब्ध न कराये जाने का अनियमितता पाई गई। लाईसेंस धारक ने जांच में अपने प्रथम मूल शस्त्र लाईसेंस की पूर्व छायाप्रति उपलब्ध नही कराई।
भूपेन्द्र सारस्वत के नाम द्वितीय शस्त्र लाइसेंस स-465/ थाना जगदीशपुरा एनपीबी रिवाल्वर / पिस्टल न-6407 बोर.30 दर्ज है, जिस शस्त्र के खरीदने के कागज, खरीदने का स्थान उपलब्ध नहीं कराई गई। शस्त्र लाइसेंस भी दूसरे कॉपी जारी हुई। दोनो शस्त्र लाइसेंस की निर्माण की मूल पत्रावली जिलाधिकारी कार्यालय आगरा में उपलब्ध नहीं है। शिवकुमार सारस्वत निवासी अजीता का नगला थाना जगदीशपुरा आगरा ने शस्त्र लाइसेंस 1687/03 श्रेणी-08 बनवाने की सूचनाओं का छिपाया। शस्त्र लाइसेंस पर क्रय रिवाल्वर बेबले 146056 के खरीदने की की रसीद स्थान आदि के साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए। प्रथम मूल शस्त्र लाइसेंस के गुम होने पर थाने से संबधित अभिलेख की गुमशुदगी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। जांच के दौरान शोभित चतुर्वेदी द्वारा शिवकुमार सारस्वत से बरैठा की पिस्टल नंबर बी61214 डब्लू कैलीवर 7.65 एमएम की पिस्टल बिना किसी प्रपत्र के खरीदी गई। जांच के दौरान कोई कागज उपलब्ध नहीं कराए गए। इनका प्रथम लाईसेंस 16439 एनपीबी रिवाल्वर उत्तराखंड से बना और द्वितीय शस्त्र एसबीबीएल लाईसेंस न-1109 गन के लाईसेंस निर्माण के दौरान असत्य सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को भेजी गई। इसमें उसने जन्म का मूल स्थान जिला लखनऊ के स्थान आगरा दर्शाया।