देश की शिक्षा व्यवस्था में एक नई सोच जोड़ते हुए, आगरा के सिकंदरा बोदला रोड स्थित विमल विहार में "फील सील" ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम फीलिंग माइंड्स संस्था द्वारा देशभर से आए शिक्षकों और प्रतिभागियों को भावनात्मक शिक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था की संस्थापक व अंतरराष्ट्रीय मनोचिकित्सक डॉ. चीनू अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को आज केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि अपनी भावनाओं को पहचानना और व्यक्त करना भी सिखाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि एनसीईआरटी के अनुसार, हर साल भारत में करीब 1.25 लाख आत्महत्याएं होती हैं, जिनमें लगभग 13,000 बच्चे शामिल होते हैं। कार्यशाला में "मूवी टॉक", एक्टिविटी आधारित लर्निंग और खुली चर्चा जैसे सत्र हुए, जिनके माध्यम से प्रतिभागियों को बच्चों की भावनाओं से संवाद करना सिखाया गया। शैलेश जिंदल ने बताया कि "फील सील" का मतलब है Social, Emotional और Academic Learning – एक ऐसा मॉडल जो शिक्षा में संवेदना जोड़ता है। कार्यक्रम में "ग्रैंड पेरेंटिंग" पर भी एक विशेष सत्र हुआ, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के रिश्ते मजबूत हों। अगले 6 महीने तक प्रशिक्षित शिक्षक देशभर में ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे। प्रतिभागियों ने इस पहल को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी बताया और इसकी सराहना की।