उन्नाव में गंगा का जलस्तर एक बार फिर लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। हाल ही में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया था। इससे नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ। करीब तीन हजार परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए। केन्द्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार रविवार शाम को गंगा का जलस्तर 112.790 मीटर था। सोमवार सुबह यह घटकर 112.760 मीटर हुआ। लेकिन शाम तक दो सेंटीमीटर बढ़कर 112.780 मीटर पहुंच गया। मंगलवार सुबह जलस्तर घटकर 112.740 मीटर दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण पश्चिमी बांधों से प्रतिदिन लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे जलस्तर में फिर से बढ़ोतरी की आशंका है। लोग घरों में कैद बाढ़ का सबसे ज्यादा असर नगर और आसपास के निचले इलाकों में दिख रहा है। गोताखोर, कर्बला, शाही नगर समेत कई इलाकों में अभी भी पानी भरा है। लोग घरों में कैद हैं। वे काम-धंधे पर नहीं जा पा रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। कई इलाकों में नाव ही एकमात्र सहारा है। प्रशासन और बचाव दल स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। जरूरतमंदों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। मंगलवार को जलस्तर में गिरावट आई है। लेकिन आगामी दिनों में बारिश और बांधों से छोड़े जाने वाले पानी का सीधा असर जलस्तर पर पड़ेगा। ऐसे में बाढ़ प्रभावित परिवारों की चिंताएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। लोग लगातार आस लगाए बैठे हैं कि जल्द ही हालात सामान्य हों और वे अपने घरों से पानी के साये से बाहर निकल सकें।