जिला उपभोक्ता फोरम ने बैंक की गलती से परीक्षा छूटने पर एडवोकेट को 7 लाख मुआवजा देने का आदेश दिए हैं। एडवोकेट ने एपीओ की मुख्य परीक्षा के लिए एसबीआई की कृष्णा नगर ब्रांच में 255 रुपए जमा किए थे, लेकिन बैंक की गलती से लोक सेवा आयोग के खाते में पैसा जमा नहीं हुआ था, जिस कारण वह परीक्षा नहीं दे सके थे। पीड़ित ने अक्टूबर 2018 को मुकदमा दाखिल किया था। यह था पूरा मामला... भवानी नगर दहेली सुजानपुर निवासी एडवोकेट अवनीश वर्मा ने चेयरपर्सन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मुंबई, नोडल अफसर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्रशासनिक शाखा माॅल रोड और शाखा प्रबंधक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कृष्णा नगर शाखा के खिलाफ आयोग में 16 अक्टूबर 2018 को मुकदमा दाखिल किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि उन्होंने लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बाद एपीओ 2015 की मुख्य परीक्षा देने के लिए 7 दिसंबर 2015 को 255 रुपए एसबीआई की कृष्णा नगर ब्रांच में जमा किए थे। बैंक ने उन्हें रसीद दी, लेकिन लोक सेवा आयोग के खाते में पैसा जमा नहीं किया। बैंकिंग लोकपाल ने 10 हजार क्षतिपूर्ति देने को कहा था शुल्क जमा करने के 2 दिन बाद आयोग की वेबसाइट पर बैंक डिटेल को ऑनलाइन अपडेट का प्रयास किया, लेकिन बैंक ने टेक्निकल फाल्ट से देरी की बात कही। दो दिन के बाद भी बैंक डिटेल ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इस कारण वह मुख्य परीक्षा नहीं दे सका। बैंकिंग लोकपाल से शिकायत पर बैंक ने पत्र भेजकर माफी मांगी थी। बैंकिंग लोकपाल ने 10 हजार रुपए क्षतिपूर्ति देने के लिए कहा था, लेकिन वह भी नहीं मिला। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष विनोद कुमार और सदस्य नीलम यादव ने फैसला सुनाते हुए 7 लाख मुआवजा देने व मुकदमा दाखिल करने की तिथि से भुगतान तक 7 प्रतिशत ब्याज और 10 हजार मुकदमा खर्च भी देने के लिए कहा है।