एटा में बाल एवं किशोर श्रम उन्मूलन अभियान के तहत पांच बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है। यह अभियान उत्तर प्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप 5 दिसंबर 2025 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा के आदेश पर संचालित किया गया। इस दौरान होटलों, ढाबों और विभिन्न संस्थानों पर कार्यरत बाल मजदूरों को मुक्त करवाया गया। अपर पुलिस अधीक्षक, अपराध नोडल अधिकारी एएचटी के निर्देशन और क्षेत्राधिकारी सदर की देखरेख में एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। इस टीम में एएचटी/एसजेपीयू प्रभारी निरीक्षक गौरव सक्सेना, उपनिरीक्षक दलवीर सिंह, श्रम प्रवर्तन अधिकारी राजबाबू, सहायक बबलू, चाइल्ड हेल्पलाइन सहायक रामवीर सिंह, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष आनंद कुमार पांडेय, एनजीओ सदस्य पंकज यादव और सामाजिक कार्यकर्ता सनी कुमार शामिल थे। टीम ने बाबूगंज, घंटाघर, हाथीगेट, मिर्ची बाजार, लोहा मंडी, अलीगंज तिराहा, बस स्टैंड, होटल, ढाबों और मैकेनिक की दुकानों जैसे प्रमुख स्थानों पर गहन जांच की। अभियान के दौरान आम जनता को शासन और प्रशासन द्वारा जारी टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1098, 108, 112, 1076, 181 के बारे में जागरूक किया गया। इसी जांच के दौरान, विभिन्न प्रतिष्ठानों पर बाल श्रम करते हुए पांच बच्चों को पाया गया, जिन्हें तत्काल मुक्त कराया गया। श्रम अधिकारी द्वारा संबंधित प्रतिष्ठानों के दुकानदारों/मालिकों का चालान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। दुकानदारों को बाल श्रम के संबंध में जागरूक किया गया और सख्त हिदायत दी गई कि यदि दोबारा बच्चे बाल श्रम करते पाए गए, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुक्त कराए गए बच्चों को शासन की वर्तमान में प्रचलित जीवयापन संबंधी योजनाओं के बारे में अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त, संयुक्त टीम ने जगह-जगह बैनर लगाकर भिक्षावृत्ति के संबंध में भी लोगों को प्रमुख रूप से जागरूक किया।