लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए अपनी सभी नई योजनाओं में बैनामा (रजिस्ट्री) की प्रक्रिया अब स्वयं करने का निर्णय लिया है। अब तक यह प्रक्रिया जिला प्रशासन और अर्जन विभाग के माध्यम से होती थी, लेकिन किसानों की शिकायतों और पारदर्शिता की आवश्यकता को देखते हुए एलडीए ने यह नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। एलडीए बोर्ड में यह प्रस्ताव पास हो चुका है और अब इसे योजनाओं में लागू किया जाएगा। किसानों को मिलेगा एकमुश्त भुगतान नई व्यवस्था के तहत जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी, उन्हें अब मुआवजे की राशि एकमुश्त भुगतान के रूप में दी जाएगी। भुगतान का माध्यम आरटीजीएस (RTGS) या बैंक ड्राफ्ट होगा, जिससे किसानों को सीधा पैसा उनके खाते में मिलेगा। बैनामा होने के 7 दिन के भीतर किसानों को पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। वही रजिस्ट्री में साफ तौर पर यह उल्लेख रहेगा कि पैसा किस तारीख तक, और किस बैंक खाते में भेजा जाएगा। इससे किसानों को टुकड़ों में पैसा मिलने की समस्या से राहत मिलेगी और किसी प्रकार के दलाली या कमीशन से भी मुक्ति मिलेगी। पिछली शिकायतों से मिला सबक एलडीए की पिछली योजनाओं में किसानों ने आरोप लगाया था कि उन्हें मुआवजे की राशि समय पर नहीं मिलती, या उसे किश्तों में दिया जाता है। इसके चलते कई बार बिचौलिए सक्रिय हो जाते थे और किसानों को कमीशन देना पड़ता था। इन स्थितियों को खत्म करने के लिए एलडीए ने बैनामे की प्रक्रिया खुद करने का निर्णय लिया है। सिस्टम की निगरानी के लिए गठित हुई टीमें एलडीए ने इस नई व्यवस्था को सही तरीके से लागू करने और निगरानी के लिए चार टीमें गठित की हैं। ये टीमें बैनामा, भुगतान और कब्जा दिलाने की पूरी प्रक्रिया की स्थलीय निरीक्षण करेंगी। इसके अलावा, जिला प्रशासन और अर्जन विभाग के साथ भी समन्वय स्थापित कर भुगतान की प्रक्रिया को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा। जल्द शुरू होंगी ये योजनाएं एलडीए ने जिन योजनाओं में यह नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी की है उसमें बीकेटी स्थित नैमिष बिहार योजना सुल्तानपुर रोड स्थित आईटी सिटी योजना, वेलनेस सिटी योजना और आगरा एक्सप्रेस वे स्थित वरुण बिहार योजना शामिल है। इन योजनाओं की अधिसूचना और बुकिंग प्रक्रिया जल्द ही जारी की जाएगी। इससे लखनऊ के शहरी विकास को नई गति मिलेगी।