लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने कंपाउंडिंग मैप पास कराने में हो रही देरी और अधिकारियों की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की है। अब हर जोन में एक तय दिन पर संबंधित अधिकारी और स्टाफ मौजूद रहेंगे, ताकि जनता को समय पर और पारदर्शी तरीके से सेवा मिल सके। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार की ओर से लागू की गई इस नई व्यवस्था का उद्देश्य कंपाउंडिंग प्रक्रिया में तेजी लाना और भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। उपविधि 2025 के तहत समीक्षा में यह सामने आया था कि कंपाउंडिंग मामलों की फाइलें महीनों तक लंबित पड़ी रहती हैं। अभियंताओं और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण जनता को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। प्रवर्तन जोन और मानचित्र अनुभाग के बीच समन्वय की कमी भी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई थी। इस कारण न केवल प्रक्रिया धीमी हो गई थी, बल्कि कई मामलों में आवेदकों को बार-बार चक्कर काटने पड़ते थे। अब एलडीए ने तय किया है कि सप्ताह के प्रत्येक दिन अलग-अलग जोनों में कंपाउंडिंग से संबंधित कार्य निपटाए जाएंगे। निर्धारित दिन पर संबंधित अधिकारी और मानचित्र अनुभाग के सभी कर्मचारी मौके पर मौजूद रहेंगे। इस दौरान कंपाउंडिंग से जुड़ी फाइलों की सुनवाई, जांच और स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। जोनवार अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। सोमवार को जोन-1 की जिम्मेदारी प्रभाकर सिंह को सौंपी गई है। मंगलवार को जोन-2 में देवांश त्रिवेदी, बुधवार को जोन-3 में विपिन शिवहरे और गुरुवार को जोन-4 में संगीता राघव और जोन-5 में विराग करवारिया की ड्यूटी लगाई गई है। शुक्रवार को जोन-6 का कार्य वंदना पांडेय देखेंगी, जबकि शनिवार को जोन-7 में रवि नंदन सिंह तैनात रहेंगे। एलडीए की इस नई व्यवस्था से भवन स्वामियों को कंपाउंडिंग मैप पास कराने की प्रक्रिया में राहत मिलने की उम्मीद है। जहां पहले फाइलें महीनों तक लंबित रहती थीं, वहीं अब तय समय पर मामलों का निपटारा हो सकेगा। साथ ही, अफसरों की जवाबदेही तय होने से पारदर्शिता भी बढ़ेगी।