औरैया में जनपद की एक अदालत ने आठ साल पुराने दहेज हत्या के मामले में मंगलवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) पारुल जैन ने विवाहिता की हत्या के दोषी पति, ससुर और देवर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2017 का है। लखना (इटावा) निवासी सेवानिवृत्त पीएसी सीओ लखपत सिंह ने अपनी 22 वर्षीय बेटी पिंकी की शादी 23 जून 2017 को महेवा रोड (अजीतमल) निवासी जितेंद्र कुमार यादव उर्फ जीतू के साथ की थी। शादी के कुछ समय बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा पिंकी को दहेज में स्कॉर्पियो गाड़ी और 10 लाख रुपये की मांग को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा। विवाह के मात्र पांच माह के भीतर 21 नवंबर 2017 को पिंकी की ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। पिता लखपत सिंह के आरोप पर पुलिस ने दहेज हत्या और प्रताड़ना का मामला दर्ज किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी ने न्यायालय में तर्क दिया कि शादी के महज पांच महीने के भीतर विवाहिता की मौत एक गंभीर अपराध है, जिसके लिए दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। न्यायालय ने पति जितेंद्र यादव, ससुर पदम सिंह और देवर अमित कुमार यादव को दोषी पाया। तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक दोषी पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि वसूले गए अर्थदंड की आधी राशि पीड़िता के पिता (वादी मुकदमा) लखपत सिंह को प्रदान की जाएगी। जुर्माना न भरने की स्थिति में दोषियों को अतिरिक्त जेल काटनी होगी। इस मामले के निस्तारण में आठ साल का समय लगा। यह पत्रावली जिले की 10 अलग-अलग न्यायालयों में स्थानांतरित होने के बाद अंततः अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) पारुल जैन की कोर्ट में पहुंची, जहां त्वरित सुनवाई के बाद अंतिम फैसला सुनाया गया। फैसले के बाद तीनों दोषियों को पुलिस हिरासत में लेकर जिला कारागार इटावा भेज दिया गया है।