आगरा के सूरसदन में मंगलवार को 9 दिवसीय गौ महिमा महोत्सव का समापन भक्ति और श्रद्धा के के साथा हुआ। मुख्य वक्ता ग्वाल संत श्री गोपालानंद जी महाराज ने कहा कि अगर भारत को फिर से जगतगुरु बनाना है तो हमें गौ माता की सेवा, सुरक्षा और सम्मान को अपना धर्म बनाना होगा। उन्होंने कहा कि गौ माता सिर्फ एक पशु नहीं हैं, वे भारत की आत्मा हैं। उन्होंने ऋषि गौतम और अहिल्या की कथा का ज़िक्र करते हुए बताया कि गौ माता जिस घर में खुश रहती हैं, वहां लक्ष्मी का वास होता है। उन्होंने कहा, जो व्यक्ति अंतिम समय तक गौ सेवा करता है, उसे वैतरिणी पार कराने स्वयं गौ माता आती हैं। इस दौरान जब भजन "इस कलिकाल में गौ माता का कोई नहीं रखवाला..." गाया गया, तो पंडाल में मौजूद श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। वहीं शिव महापुराण कथा में रसराज महाराज ने कहा कि भगवान शिव की सच्चे मन से भक्ति करने से ही भगवान का साक्षात्कार संभव है। उन्होंने बताया कि शिव जी रासलीला देखने के लिए गोपी का रूप धारण कर वृंदावन आए थे, इसलिए उन्हें गोपीश्वर महादेव कहा जाता है। कथा समापन पर पार्षद मुरारीलाल गोयल पेंट वाले, पूर्व पार्षद कुंदनिका शर्मा, सुमन गोयल और कुमकुम उपाध्याय द्वारा महिला श्रद्धालुओं को मंगल कलश वितरित किए गए। आरती और भंडारे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।