कानपुर के परमट नाले की जांच करने पहुंचा जल निगम:हर सातवें दिन सीवर का पानी गंगा में बहाया जा रहा था

Jun 13, 2025 - 06:00
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कानपुर के परमट नाले की जांच करने पहुंचा जल निगम:हर सातवें दिन सीवर का पानी गंगा में बहाया जा रहा था
परमट में गंगा नदी के किनारे बरसाती नाले के जरिए सीवर का गंदा पानी बहाया जा रहा है। मौके पर पहुंचे जल निगम अधिकारियों की जांच में सामने आया कि स्थानीय लोगों ने सीवर लाइन से कनेक्शन को काट कर बरसाती नाले में घरों के कनेक्शन जुड़वा दिया है। जिससे गंगा नदी के मुहाने पर जाने वाले बरसाती नाले से हर 7वें दिन वॉल्व खोल कर सीवर व परमट मंदिर की छोटी नालियों के जरिए बहकर आने वाले गंदे पानी को गंगा नदी में छोड़ा जा रहा है। घरों का सर्वे कर सीवर कनेक्शन जांचे जाएंगे अधिकारियों ने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। इससे गंगा नदी दूषित हो रही है। जल निगम के अधिकारी अब परमट में ऐसे घरों का सर्वे कर सीवर कनेक्शन की जांच करेंगे। सीवर लाइनों के कनेक्शन को सीवर लाइन में ही जोड़ा जाएगा, जिससे परमट पंपिंग स्टेशन के जरिए पानी को ट्रीट करने के लिए जाजमऊ भेजा जा सके। वाॅल्व खोल कर गंगा में छोड़ा गया था पानी बुधवार रात परमट घाट पर वॉल्व खोल कर गंदे पानी को गंगा नदी में छोड़ा गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि कर्मचारी रोजाना ऐसा करते हैं। जिसके बाद जल निगम, ग्रामीण के अधिशासी अभियंता व परियोजना प्रबंधक मोहित चक ने मौके पर जल निगम के असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंजीनियर विपिन कुमार, केआरएमपीएल के शशि तिवारी के साथ पूरी टीम को जांच के लिए भेजा। बरसाती नाले में जुड़े मिले सीवर कनेक्शन इस दौरान टीम ने परमट मुख्य गेट से घाट तक जाने वाले एक-एक मेनहोल की जांच की। जांच में टीम ने पाया कि कुछ घरों के लोगों ने सीवर लाइन में अपने घरों का कनेक्शन काटकर बरसाती नाले में जोड़ दिया। अधिकारियों ने बिना बताए ऐसा करने पर फटकार भी लगाई। इसके बाद अधिकारी टेफ्को नाले के टेपिंग प्वाइंट पर गए। अधिकारियों ने कहा कि घरों का सर्वे कर इस समस्या को दूर किया जायेगा। गंगा नदी में किसी भी तरह का अशोधित पानी डालना मना है, जिसकी मॉनीटरिंग की जा रही है। सीवर लाइन पहले से पंपिंग स्टेशन से जुड़ी जल निगम के असिस्टेंट प्रोजेक्ट इंजीनियर विपिन कुमार ने बताया कि टैफ्को नाला पूरी तरह टेप है। परमट में एक सीवर लाइन 900 डाया की पड़ी है, जो 56 एमएलडी पंपिंग स्टेशन से जुड़ी है। परमट परिसर का पानी, आस-पास लगने वाली दुकानों का पानी व बरसाती पानी के लिए एक अलग 900 डाया की पाइप लाइन डाली गई है, जिसे वॉल्व के सहारे बंद किया गया है। जब बरसात होती है तो वॉल खोलकर बरसाती पानी को गंगा नदी में बहाया जाता है। सीवर बैकफ्लो होने के कारण बरसाती नाले में जोड़ा जब जल निगम अधिकारियों से पूछा गया कि बिना बरसात के पानी कहां से आ रहा है तो जल निगम के अधिकारियों ने बताया कि यह बात सच है कि सीवर लाइनों को कुछ घरों से जोड़ दिया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीवर लाइन चोक है, इससे घर में सीवर बैकफ्लो हो रहा है इसलिए बरसाती नाले में लाइन को जोड़ दिया गया है।

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