पीलीभीत जिले के नौ युवक किर्गिस्तान से सुरक्षित अपने घर लौट आए हैं। ये युवक पिछले तीन महीनों से किर्गिस्तान में बंधक जैसी परिस्थितियों में फंसे हुए थे और ठगी तथा उत्पीड़न का शिकार हुए थे। कुल 12 युवकों में से 9 की वापसी हो चुकी है, जबकि शेष तीन की वापसी जल्द होने की उम्मीद है। यह मामला पीलीभीत जनपद के बरखेड़ा, पूरनपुर, दियोरिया और गजरौला थाना क्षेत्रों से संबंधित है। पीलीभीत शहर की एक रिक्रूटिंग एजेंसी के संचालक ने इन 12 युवकों को विदेश में अच्छी नौकरी का झांसा दिया था। आरोप है कि प्रत्येक युवक से करीब ढाई लाख रुपये वसूले गए थे। किर्गिस्तान पहुंचने पर युवकों को वादे के अनुसार काम नहीं मिला। उन्हें कथित तौर पर बंधक बनाकर किसी अन्य स्थान पर काम कराया गया। युवकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपनी आपबीती बताई थी, जिसमें उन्होंने मारपीट और कई महीनों से वेतन न मिलने की शिकायत की थी। उन्होंने भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई थी। वीडियो वायरल होने के बाद परिजनों ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया। केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने दिल्ली में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और भारतीय दूतावास से तत्काल संपर्क साधा। सरकार और दूतावास के साझा प्रयासों के बाद शनिवार को नौ युवक सकुशल अपने घर लौट आए। युवकों के गांव पहुंचने पर परिजनों में खुशी का माहौल था। घर लौटे युवकों ने किर्गिस्तान के डरावने हालात बयां किए और सरकार की मदद के लिए आभार व्यक्त किया। प्रशासन शेष तीन युवकों की वापसी के लिए भी प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही, फर्जीवाड़ा करने वाली रिक्रूटिंग एजेंसी के खिलाफ जांच की मांग भी उठ रही है।