आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का गुरुवार को समापन हो गया। इस अवसर पर विभिन्न जनपदों से आए 28 प्रगतिशील किसानों को कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने बीज और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से कृषि अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सीधी बोआई से पैदावार बढ़ती है और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है। किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। कुलपति ने यह भी बताया कि कृषि में प्रशिक्षण प्राप्त करने के इच्छुक किसान कृषि विज्ञान केंद्रों और विश्वविद्यालय से जुड़ सकते हैं। विशिष्ट अतिथि सरदार वल्लभ भाई पंत कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के पूर्व निदेशक प्रसार डॉ. ओ.पी. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों के हित के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि विवि ने 200 से अधिक प्रजातियां विकसित की हैं, जिनका लाभ पूर्वांचल के किसानों को मिल रहा है। राज्यस्तरीय किसान मेले में लगाए गए 25 कृषि विज्ञान केंद्रों के स्टालों में केवीके बाराबंकी को प्रथम, बस्ती को द्वितीय और बहराइच को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। विश्वविद्यालय द्वारा संचालित महाविद्यालयों में वानिकी महाविद्यालय को प्रथम, मात्स्यिकी महाविद्यालय को द्वितीय और सामुदायिक महाविद्यालय को तीसरा स्थान मिला। बीज विक्रय केंद्र श्रेणी में डॉ. एस.सी. विमल के नेतृत्व में कृषि विश्वविद्यालय के बीज विक्रय केंद्र को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सरकारी विभागों द्वारा लगाए गए स्टालों में कृषि विभाग उत्तर प्रदेश को प्रथम, पशुपालन विभाग अयोध्या को द्वितीय और उद्यान विभाग को तृतीय स्थान मिला। इस किसान मेले में 27 जनपदों से लगभग 20 हजार किसानों ने भ्रमण कर कृषि उत्पादों का अवलोकन किया और खरीदारी की। मेले में कृषि विज्ञान केंद्र और विभिन्न महाविद्यालयों के कुल 91 कृषि उत्पाद स्टाल लगाए गए थे। किसान मेले का आयोजन निदेशक प्रसार डॉ. रामबटुक सिंह के नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।