बलरामपुर | बलरामपुर जिले में खरीफ सीजन के तहत धान की फसल खेतों में लहलहा रही है, लेकिन वर्तमान मौसम की अनिश्चितता के चलते फसल पर विभिन्न कीटों और रोगों का प्रकोप देखने को मिल रहा है। कृषि विभाग ने किसानों को सचेत करते हुए आवश्यक नियंत्रण उपाय अपनाने की सलाह दी है। उप संचालक कृषि ने बताया कि झुलसा रोग के लक्षण पत्तियों पर नाव जैसे धब्बों के रूप में दिखाई देते हैं, इससे बचाव के लिए उपयुक्त दवा का छिड़काव करना जरूरी है। शीथ ब्लाइट रोग की स्थिति में हैक्साकोनाजोल दवा का प्रयोग प्रभावी रहेगा। वहीं, जीवाणु जनित झुलसा रोग से निपटने हेतु खेत से अतिरिक्त पानी निकालकर उसे कुछ दिनों तक खुला छोड़ना, प्रति हेक्टेयर 25 किलोग्राम पोटाश डालना और कासुगेमाइसीन, कॉपर ऑक्सीक्लोराइड, स्ट्रैप्टोसाइक्लिन या प्लान्टोमाइसिन का छिड़काव करने की सलाह दी गई है। कीटों के नियंत्रण के लिए तनाछेदक कीट पर नजर रखने हेतु फेरोमोन ट्रैप का उपयोग और भूरा फुदका की स्थिति में पाईमेट्राजीन या डिनोटेफेरोन का छिड़काव कारगर बताया गया है। कृषि विभाग ने किसानों से आग्रह किया है कि वे समय रहते इन उपायों को अपनाएं, जिससे फसल सुरक्षित रहे और उपज में गिरावट न हो।