कुशीनगर के तमकुही रेंज से सटे दुदही ब्लॉक के ग्राम पंचायत दशाहवा के टोला पुष्करनगर में रह रहे लगभग 500 परिवारों को वन विभाग ने नोटिस जारी किया है। वन विभाग का कहना है कि यह भूमि उनकी है। बस्ती की शुरुआत 1960 में हुई थी इस बस्ती की शुरुआत 1960 में हुई थी। बाढ़ की कटान से विस्थापित हुए 60 परिवारों को तत्कालीन मंत्री बाबू गेंदा सिंह ने यहां बसाया था। 1963 में वन विभाग ने इन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन बाबू गेंदा सिंह के हस्तक्षेप से मुकदमा वापस ले लिया गया। 1980 में नदी की कटान शुरू हुई 1980 में अमवाखास में फिर नदी की कटान शुरू हुई। कैथवलिया, सेमरहा, करवतहि, हसुवहि, किशुनवा, खुरहुरिया और बरवापट्टी के लोग विस्थापित हुए। तत्कालीन एसडीएम पुष्कर शर्मा ने इन लोगों को वन विभाग की 32 एकड़ भूमि पर बसा दिया। तभी से यह बस्ती पुष्करनगर के नाम से जानी जाने लगी। निवासी सरकारी योजनाओं का उठा चुके हैं लाभ वर्तमान में यहां रह रहे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल चुका है। आवास, शौचालय और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। पूर्व विधायक अजय कुमार लल्लू द्वारा इस मुद्दे को अधिकारियों के समक्ष उठाया जा चुका है। ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्रवाई के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की है, जो विचाराधीन है।वही इस समय वन विभाग ने नोटिस भेजकर ग्रामीणों को न्यायालय में अपना पक्ष रखने को कहा है तथा पक्ष नहीं रखने पर बेदखली का आदेश जारी करने को कहा है। भाजपा नेता ने गांव जाकर ग्रामीणों से ली जानकारी वही ग्रामीणों की समस्या से अवगत होने पर गुरूवार को सुबह भाजपा नेता विजय कुमार राय ने पुष्करनगर गांव पहुंच पूरी जानकारी लेकर संबंधित अधिकारियों को इस प्रकरण को संज्ञान में लाया तथा ग्रामीणों को बताया कि आप लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री महोदय से मिलकर पूरी बात रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस गंम्भीर समस्या से निजात दिलाने पूरी प्रयास किया जाएगा।इस मौके पर उमेश प्रसाद, , संतराज सैनी, कन्हैया मिश्र, नंदू सैनी,भगत सैनी,सोनल्लाह , सत्यनारायण ,उमेशबैठा ,राजेश, रामअवध, राजू , मुस्ताक , मंजूर, नबीरसुल, जमलू, अनवर, कलामू, फूलमान, सुबाष यादव, नागेंद्र, कंचन, सहोदरी खातून,आलिमा, ललिता देवी, श्रीपाल, रविन्द्र, राजेश पाल, रमाकांत, सुग्रीव, छोटेलाल, ध्रुप,त्रिवेनी, रमायन,राजिन्द्र, बबलू ,आनंद यादव ,नरसिंह यादव सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद रहे।