कैसरबाग बस अड्डे की पार्किंग में कथित रूप से चोरी की बिजली से ई-रिक्शा और ऑटो चार्ज करने के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। पार्किंग संचालित करने वाली संस्था ने साफ शब्दों में बिजली चोरी के आरोप को नकार दिया है और सोमवार को सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) को लिखित स्पष्टीकरण भेज दिया है। पार्किंग संस्था बोली – “बिल भरते हैं, तो चोरी कैसी?” संस्था के अध्यक्ष संदीप सिंह ने अपने जवाब में कहा है कि वह 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का भुगतान कर रहे हैं, ऐसे में बिजली चोरी का आरोप सरासर गलत और बेबुनियाद है। उन्होंने यह भी बताया कि जुलाई महीने का बिजली बिल 708 रुपये आया था, जिसे समय पर अदा कर दिया गया है। अधिकारियों की छापेमारी के बाद मचा था हड़कंप दरअसल, बीते सप्ताह कैसरबाग बस अड्डे की पार्किंग में बिना वैध कनेक्शन के ई-रिक्शा और ऑटो चार्ज किए जाने की सूचना पर अधिकारियों ने मौके पर छापेमारी की थी। उस दौरान बिजली चोरी की आशंका जताई गई थी, जिसके बाद क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने मामले की जांच कर स्पष्टीकरण मांगा था। अब जांच के बाद ही होगा स्थिति स्पष्ट संस्था की ओर से दिए गए स्पष्टीकरण के बावजूद, अधिकारियों की जांच रिपोर्ट का इंतज़ार किया जा रहा है। अगर बिल का भुगतान नियमित रूप से किया गया है, तो यह मामला केवल प्रक्रियागत चूक या गलतफहमी भी हो सकता है। लेकिन यदि जांच में गड़बड़ी साबित होती है, तो फिर कार्रवाई तय मानी जा रही है।