गाज़ीपुर जनपद न्यायालय में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ जनपद एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत आमजन को त्वरित, सरल और नि:शुल्क न्याय उपलब्ध कराने का प्रभावी मंच है। इस बार जिले भर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में लगभग डेढ़ लाख वादों के निस्तारण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जनपद न्यायाधीश ने वादकारियों से अधिक से अधिक संख्या में लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने लंबित मामलों का समाधान कराने की अपील की। राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए अपर जिला जज शक्ति सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। लोक अदालत में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, पारिवारिक विवाद, छोटे दाण्डिक वाद, धारा 138 एनआई एक्ट के मामले, मोटर दुर्घटना दावा, उपभोक्ता फोरम, बिजली चोरी, श्रम और चकबंदी से जुड़े मामलों का आपसी सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। हालांकि, गंभीर आपराधिक मामलों को लोक अदालत के दायरे में शामिल नहीं किया गया है। जनपद न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि लोक अदालत में दिए गए फैसलों के खिलाफ किसी भी अदालत में अपील का प्रावधान नहीं है। इससे न्याय प्रक्रिया तेज होती है और वादकारियों के समय व धन दोनों की बचत होती है। उन्होंने कहा कि आपसी सहमति से विवादों का समाधान होने से सामाजिक सौहार्द भी बना रहता है और न्यायालयों पर लंबित मामलों का बोझ कम होता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में वर्ष 2014 से लंबित एक मामले का निस्तारण भी किया गया। यह प्रकरण श्रीराम फाइनेंस कंपनी, अमरावती से जुड़ा था, जिसमें दो अधिवक्ताओं ने अहम भूमिका निभाते हुए आपसी सहमति से सुलह-समझौता कराया। इस सराहनीय योगदान के लिए जनपद न्यायाधीश ने संबंधित अधिवक्ताओं को सम्मानित किया और उनसे अपील की कि वे इसी तरह सकारात्मक भूमिका निभाते हुए अधिक से अधिक वादों के निस्तारण में सहयोग करें।