गाजियाबाद में सुबह के समय हल्की धुंध देखने को मिली। शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन में अधिकतम तापमान 23 डिग्री तक पहुंचाने का अनुमान है, आज तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। हवा की गति 7 किलोमीटर प्रति घंटा से है। AQI 318 दर्ज किया गया। आज सुबह से फिर प्रदूषण बढ़ा आज सुबह से फिर प्रदूषण बढ़ा है। जिससे फिर हवा जहरीली हुई है। यूपी में गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, बागपत के अलावा ग्रेटर नोएडा का AQI रेड जोन में पहुंच गया है। पिछले वीक में रविवार व शनिवार को प्रदूषण में राहत मिली थी। गाजियाबाद में डीजल से चलने वाले ऑटो और टेंपो पूरी तरह बंद हैं। बीएस-4 वाहनों पर भी पाबंदी जारी है। जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण विभाग सड़कों पर निगरानी बढ़ाए हुए हैं। दिल्ली और यूपी में शहरों का AQI प्रदूषण बढ़ने पर आंखों में जलन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुमान अब एक्यूआई बढ़ने की अधिक संभावना नहीं है, यदि बढ़ता है तो ऐसे में सांस संबंधी रोगियों के लिए यह और अधिक खतरनाक साबित हो सकता है। लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और अस्वस्थता जैसी समस्या हो सकती है। गाजियाबाद के पल्मोनोलोजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने बचाव के लिए सभी को बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। वहीं, प्रशासन ने भी प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। ये हैं शहरों में पॉल्यूशन के बड़े कारण प्रदूषण की वजह पराली जलानाउत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज होने लगती है। हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है। 2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी। केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए। इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है। 2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगता है।