गोंडा में घाघरा नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटों में 13 सेंटीमीटर कम हुआ है नदी अभी खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। तरबगंज और कर्नलगंज तहसील क्षेत्र की 10 ग्राम पंचायतों के 55 मजरे बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन के लिए नाव एकमात्र साधन बन गई है। तरबगंज तहसील के बहादुरपुर और ब्योन्दा माझा गांव में जिला प्रशासन ने पांच से अधिक नावें लगाई हैं। करनैलगंज तहसील के नकहरा गांव में भी लोग नाव से ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा रहे हैं। बाढ़ से फूस के घरों में पानी भर गया है जंगली जानवरों के निकलने से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचा रहा है। स्वास्थ्य विभाग और पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिलाधिकारी प्रियंका निरजंन के अनुसार नदी के जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है। पानी घटने से बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग को विशेष निर्देश दिए गए हैं। राजस्व विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है। नदी के जलस्तर में गिरावट से तटीय इलाकों में कटान तेज हो गई है। 5 तस्वीरें देखें... तटीय इलाकों में कटान तेज होने के कारण तटीय इलाकों के लोगों की भी मुश्किलें काफी बढ़ती हुई नजर आ रही है क्योंकि लगातार नदी उनके फसलों और जमीनों को काटकर के अपने आगोश में ले रही है। सबसे ज्यादा कटान से अगर कोई प्रभावित है तो वह सखीपुर, चहलवा गांव के लोग हैं जो एकदम सरयू और घाघरा नदी के किनारे सटे हुए बसे हैं। अब तक गोंडा जिले में 1000 बीघा से अधिक जमीन और फसल नदी काट करके अपने आगोश में ले चुकी है।