गोंडा में घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर नीचे आ गया है। बावजूद इसके, तरबगंज तहसील क्षेत्र के ब्योन्दा उपरहर और ब्योन्दा माझा में स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हुई है। मुख्य मार्गों पर बाढ़ का पानी भरा हुआ है और ग्रामीण जोखिम उठाकर पानी से होकर यात्रा कर रहे हैं। कुछ लोग सड़कों पर भरे पानी में मछली पकड़ने में भी लगे हैं। एक वीडियो में देखा गया कि लोग जान जोखिम में डालकर पानी में जाल लगा रहे हैं। सुबह 10 बजे गिरजा शारदा और सरयू बैराज से नदी में 1,96,369 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। निवासी रामसेवक पासवान ने बताया कि गांव के चारों तरफ पानी भरा है। बच्चे अकेले नहीं जा सकते, उन्हें माता-पिता के साथ जाना पड़ता है। रात में आपात स्थिति में इलाज के लिए अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। प्रशासन की स्थिति और राहत कार्य रामसेवक के अनुसार पहले प्रशासन की व्यवस्था बेहतर थी, लेकिन अब स्थिति खराब है। ग्रामीणों को हर साल बाढ़ के दौरान इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गोंडा जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि नदी का जलस्तर काफी कम हो गया है, कुछ गांवों के मुख्य मार्ग पर पानी भरा हुआ है। जहां-जहां धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है, प्रशासन लगातार बाढ़ राहत सामग्री का वितरण कर रहा है। ग्रामीणों के आने-जाने के लिए कई स्थानों पर नाव लगाई गई हैं। साथ ही पशु चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांवों में जाकर लोगों और जानवरों का इलाज कर रहे हैं।