गोरखपुर के गीडा क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे में खजनी तहसील में तैनात लेखपाल मुनेंद्र कैम की जान चली गई। वह रोज की तरह 19 जून की शाम करीब 7:30 बजे ड्यूटी खत्म कर तहसील से अपने किराए के कमरे की ओर निकले थे, लेकिन रात में घर नहीं पहुंचे। जब वह रात तक वापस नहीं आए और मोबाइल भी बंद मिला, तो उनके साथी लेखपालों को चिंता हुई। अगले दिन खजनी तहसील लेखपाल संघ के अध्यक्ष गगन जायसवाल ने थाने में गुमशुदगी की सूचना दी। परिजनों से भी संपर्क किया गया। अज्ञात के रूप में अस्पताल में रखा रहा शव इसी बीच पुलिस को जानकारी मिली कि 19 जून की रात बरहुआ गांव के पास एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ था। रोड गश्त में तैनात पुलिस टीम ने एंबुलेंस बुलवाकर घायल को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पहचान न होने पर शव को मोच्र्यूरी में अज्ञात के रूप में रखवा दिया गया। लेखपाल संघ की पड़ताल से हुई पहचान करीब 24 घंटे तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी। इसके बाद लेखपाल संघ ने गोरखपुर के अस्पतालों में तलाश शुरू की। शनिवार की शाम जिला अस्पताल की मोच्र्यूरी में जब शव देखा गया, तो पहचान मुनेंद्र कैम के रूप में हुई। इसके बाद परिजनों को सूचित किया गया। मृतक लेखपाल मुनेंद्र कैम आगरा जिले के किरावली थाना क्षेत्र के अरदाया गांव के रहने वाले थे। गोरखपुर के गीडा क्षेत्र में सेक्टर-5 में वह किराए पर कमरा लेकर रह रहे थे। SP नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि परिजनों को सूचना दे दी गई है और वे गोरखपुर के लिए रवाना हो चुके हैं।