घाट-सड़क और मकान डूबे, मोहल्ले बने टापू:खतरे के निशान से 95CM ऊपर बह रही गंगा,44 गांव में घूस गया है पानी

Aug 5, 2025 - 12:00
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घाट-सड़क और मकान डूबे, मोहल्ले बने टापू:खतरे के निशान से 95CM ऊपर बह रही गंगा,44 गांव में घूस गया है पानी
वाराणसी में गंगा, वरुणा, गोमती और नाद नदियों में एक साथ उफान ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सिर्फ तटवर्ती ही नहीं, बल्कि नदियों से दूर के गांव भी बाढ़ की चपेट में आ रहे हैं। प्रशासन के अनुसार, सोमवार तक 54 गांव और शहरी क्षेत्र के 24 वार्ड जलमग्न हो चुके हैं। गांव में किसानों का खेत डूब गया। खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 72.22 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 95 सेंटीमीटर अधिक है। हालांकि मंगलवार सुबह बढ़ाव की गति स्थिर हो गई है, लेकिन सोमवार रात यह 1 सेमी प्रति घंटा थी। रविवार को गंगा 2 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रही थी। सबसे पहले देखिए तस्वीरें... गांवों और शहर में पानी की दस्तक पिसौर और आराजीलाइन ब्लॉक के मरूई, सिहोरवां और जक्खिनी गांव तक पानी पहुंच चुका है। अस्सी, दशाश्वमेध, शीतला घाट और सामने घाट क्षेत्रों में गंगा सड़कों तक आ गई है। पॉश कॉलोनियां भी पानी की चपेट में आने लगी हैं। ग्रामीण इलाकों में आधा दर्जन गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है। चार साल बाद गंगा का पानी ट्रॉमा सेंटर रोड तक पहुंचा है। वरुणा की बाढ़ से शहरी इलाके अधिक प्रभावित शहरी क्षेत्र में गंगा से ज्यादा वरुणा नदी का बढ़ता जलस्तर परेशानी का कारण बना है। शैलपुत्री, सलारपुर, सरैयां, नक्खीघाट, दनियालपुर, मीराघाट, उचवां, मड़िया और पुराना पुल सहित कई घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पानी भर गया है। कई जगहों पर लोग पलायन कर राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। पंचक्रोशी-पांडेयपुर और सलारपुर-रघुनाथपुर मार्ग पर आवागमन प्रभावित है, वहीं कई कॉलोनियों में बिजली काट दी गई है। 53 गांव और 24 वार्ड बाढ़ की चपेट में बाढ़ राहत पर सरकार की तरफ से जानकारी देते हुए प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलस्तर के बढ़ने से 53 गांव और 24 वार्ड प्रभावित हैं. करीब 2100 परिवारों के 12,000 लोगों को बाढ़ राहत शिविर केंद्रों में आश्रय दिया गया है। वाराणसी में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर केंद्र बनाए गए हैं. कम्युनिटी किचन के माध्यम से सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का भोजन दिया जा रहा है। 11 क्यूआरटी बाढ़ क्षेत्रों में गश्त कर रहीं 11 क्यूआरटी द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गश्त की जा रही है, ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में चोरी न हो सके। ड्रोन के माध्यम से भी बाढ़ प्रभावित इलाकों की मॉनिटरिंग की जा रही है। लाउड स्पीकर और अनाउंसमेंट से लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। 24 घंटे बाढ़ग्रस्त इलाकों की निगरानी के लिए बनाए गए बाढ़ कंट्रोल रूम अलर्ट मोड पर हैं. जिला प्रशासन, स्वास्थ्य, बिजली, शिक्षा, पुलिस और एनडीआरएफ के अधिकारी/कर्मचारी कंट्रोल रूम में एक्टिव हैं. बाढ़ कंट्रोल रूम नंबर भी जारी किए गए हैं. 0542-2508550, 2504170, 9140037137 एवं 1077 है।

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