बदायूं में चंद्रग्रहण के सूतक काल की शुरुआत के साथ ही सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। नगला शक्तिपीठ, बिरुआवाड़ी मंदिर, हरप्रसाद मंदिर, सिद्धपीठ सर्वेश्वर श्री सांई मंदिर और सहस्त्रधाम गौरीशंकर देवालय समेत सभी मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन पर पर्दे डाल दिए गए हैं। चंद्रग्रहण रात 9:57 बजे से शुरू होगा। खग्रास ग्रहण रात 11:01 बजे प्रारंभ होगा। ग्रहण का मध्य काल रात 11:42 बजे होगा। खग्रास ग्रहण रात 12:23 बजे समाप्त होगा और ग्रहण पूरी तरह 1:26 बजे खत्म होगा। कुल अवधि 3 घंटे 29 मिनट की रहेगी। ग्रहण में हवन और चंद्रदेव की पूजा का विधान है ज्योतिषाचार्य पंडित गिरीश शर्मा के अनुसार, सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो चुका है। इस दौरान मूर्ति स्पर्श, अनावश्यक वार्ता, भोजन और धारदार वस्तुओं का प्रयोग वर्जित है। ग्रहण के दौरान स्नान, हवन और चंद्रदेव की पूजा का विधान है। गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा की सिद्धि से बचना चाहिए। ग्रहण समाप्ति पर गंगाजल से स्नान करें। इस दौरान किया गया दान और पूजा सामान्य से सौ गुना अधिक फलदायी माना जाता है। तरल खाद्य पदार्थों में तुलसी दल और कुश रखने का विधान है।