चित्रकूट में चल रहे अंतरराष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव के दूसरे दिन रविवार को राघव प्रयाग घाट रामभक्ति से सराबोर रहा। मंच पर रामजन्म, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर और लक्ष्मण-परशुराम संवाद जैसे प्रसंगों का शानदार मंचन किया गया। पूरा परिसर “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा। संस्कृति विभाग, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद नई दिल्ली और जिला प्रशासन सतना के संयुक्त तत्वावधान में यह आयोजन 24 से 30 सितंबर तक हो रहा है। रोजाना शाम 7 बजे से रामलीला मंचन शुरू होता है और दर्शकों के लिए प्रवेश निशुल्क है। कलाकारों ने महाराज दशरथ के पुत्र प्राप्ति यज्ञ से लेकर राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के जन्म तक का मंचन किया। गुरु विश्वामित्र के साथ राम-लक्ष्मण का वनगमन, ताड़का वध और मारीच-सुबाहु के अंत पर श्रद्धालुओं ने तालियां बजाकर उत्साह जताया। अहिल्या उद्धार और पुष्पवाटिका में राम-सीता के प्रथम मिलन के प्रसंग ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। उत्सव के तहत 26 सितंबर को इंडोनेशियाई कलाकार श्रीराम विवाह, सीता विदाई, मंथरा-कैकेई संवाद, श्रीराम वनवास, केवट प्रसंग और भरत मिलाप का मंचन करेंगे। 27 सितंबर को वियतनामी कलाकार अनुसुइया उपदेश, पंचवटी प्रसंग, सीता हरण, जटायु वध और श्रीराम प्रतिज्ञा प्रस्तुत करेंगे।