जौनपुर। पुलिस लाइन के बहुउद्देशीय हॉल में नए आपराधिक कानूनों पर एक विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) आतिश कुमार सिंह ने थानों पर नियुक्त हेड मोहर्रिर, मिशन शक्ति प्रभारी और रिक्रूट आरक्षियों को भारतीय न्याय संहिता (BNS-2023), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS-2023) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA-2023) के प्रमुख प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। श्री सिंह ने बताया कि ये नए कानून पुराने औपनिवेशिक काल के कानूनों, जैसे आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम, की जगह लेंगे। उनका उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, त्वरित और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। मुख्य प्रावधानों पर विशेष चर्चा सत्र में 'शून्य एफआईआर (Zero FIR)', ई-एफआईआर की सुविधा, समयबद्ध न्याय प्रक्रिया, महिला एवं बाल संरक्षण, फोरेंसिक विज्ञान और तकनीकी साक्ष्यों के उपयोग तथा पीड़ित-केंद्रित प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अभियान के तहत जनपदीय पुलिस टीमों ने जिले के विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में जाकर छात्रों को नए कानूनों की जानकारी दी। अधिकारियों ने इन कानूनों को न्याय-आधारित व्यवस्था की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। फॉरेंसिक विज्ञान और शून्य सहिष्णुता नीति अतिरिक्त रूप से, श्री सिंह ने कहा कि विकसित भारत में अब फॉरेंसिक विज्ञान का अधिक सटीक उपयोग किया जा रहा है। महिलाओं के प्रति अपराधों पर किसी भी स्तर पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। संगठित अपराध और आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस नीति' के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है।