लखनऊ के इंदिरानगर निवासी और कृषि विभाग से रिटायर्ड हीरक भट्टाचार्य को साइबर जालसाजों ने पांच दिन तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रखकर 1.18 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। पुलिस ने ऐक्शन लेते हुए अब तक ठगों के 18 बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए हैं, जिनमें से 16 लाख रुपये रिकवर भी कर लिए गए हैं। कैसे फंसे रिटायर्ड अफसर? साइबर थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार यादव के मुताबिक, जालसाजों ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर हीरक भट्टाचार्य को फोन किया और फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी। डर के मारे भट्टाचार्य ने खुद बैंक जाकर तीन बार आरटीजीएस के जरिए ठगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए। डिजिटल अरेस्ट: 10 से 16 सितंबर तक जालसाजों ने हीरक भट्टाचार्य को 10 से 16 सितंबर तक कॉल और ऑनलाइन मॉनिटरिंग के जरिए 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा। इस दौरान उन्होंने अफसर को किसी से बात करने या बाहर जाने तक की इजाजत नहीं दी। आरोपी बार-बार धमकी देते रहे कि अगर उन्होंने आदेश नहीं माने तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। कहां गए पैसे? पुलिस जांच में सामने आया कि ट्रांजेक्शन के पैसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत कई राज्यों के खातों में भेजे गए। इन खातों की पहचान कर ली गई है। 18 खातों को फ्रीज कर दिया गया है और उनमें से 16 लाख रुपये रिकवर हो चुके हैं। बेटा दिल्ली में, केस दर्ज होते ही निकले शहर से हीरक भट्टाचार्य का बेटा दिल्ली में रहता है। ठगी का मुकदमा दर्ज कराने के बाद वे वापस दिल्ली चले गए हैं। पुलिस अब ठगों की लोकेशन ट्रेस कर रही है और जल्द गिरफ्तारी का दावा कर रही है।