भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मदद करने के बाद से से ही पूरे देश में तुर्कीये को लेकर लगातार विरोध जारी है। हालत यह है कि देश के अलग-अलग हिस्सों के व्यापारी तुर्की से आने वाले सामानों का लगातार बहिष्कार कर रहे हैं। इसका असर प्रयागराज के व्यापारियों पर भी दिख रहा है। खासतौर पर मार्बल और फलों के व्यापारी तुर्की से आने वाले सामानों का खुलकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो देश हमारे दुश्मन की मदद कर रहा है। उससे हमें किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं करना चाहिए। ऐसे देशों का पूरी तरह से बायकॉट करना चाहिए। जिससे हमारे देश के दुश्मनों की मदद करने वाले देशों को यह समझ आ जाए कि आतंकवाद का समर्थन करना उनके लिए भारी पड़ेगा। फल विक्रेताओं ने तुर्की के सेबों का बंद किया आयात
प्रयागराज में कई अन्य देशों के साथ ही तुर्की से भारी मात्रा में आयात होने वाले सेबों की अच्छी खपत है। फल व्यापारी सुनील केसरवानी बताते है कि उनके पास पहले तुर्की से आने वाले सेबों की अच्छी आवक थी,लेकिन तुर्की की तरफ से आतंकवाद का समर्थन करने के कारण प्रयागराज में अब फल व्यापारियों से वहां से आने वाले सेबों का बहिष्कार कर दिया है। यही कारण है कि पिछले कई दिनों से तुर्की से आने वाले सेबों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गई है। बताते है कि उनके पास सेबों की कई वैरायटी मौजूद है। इसमें कैलिफार्निया, न्यूजिलैंड, वॉसिंगटन, कश्मीर और हिमाचल से आने वाले सेब की वैरायटी शामिल है। जो हमेशा से लोगों की पसंद बनी हुई है। बताया कि आम लोग भी सेब खरीदने के पहले पूछ रहे है कि सेब कहां का है। इसका सीधा अर्थ है कि आम जनता भी तुर्की का विरोध कर रही है। 200 करोड़ का प्रयागराज में मार्बल का कारोबार
देश में अभी तक तुर्की से बड़ी मात्रा में मार्बल का आयात होता रहा है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद मार्बल के आयात करने वाले व्यापारी इसका विरोध कर रहे हैं। जहां तक प्रयागराज में मार्बल के व्यापार की बात करें तो थोक विक्रेताओं के अनुसार यह करीब 200 करोड़ का कारोबार है। इसमें करीब 40 प्रतिशत तक का मार्बल तुर्की का रहता था, लेकिन आतंकी घटना के बाद से शहर के मार्बल के थोक विक्रेता तुर्की से आने वाले मार्बल को लेने से इंकार करके अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस बारे में मार्बल के थोक विक्रेता राजस्थान मार्बल एंड टाइल्स के ओनर विवेक केसरवानी ने बताया कि प्रयागराज में लगातार कंस्ट्रक्शन होने के कारण मार्बल और टाइल्स की मांग बनी रहती है। यहीं कारण है कि आज इसका व्यापार 200 करोड़ के करीब पहुंच चुका है। वह पिछले 25 सालों से इस व्यापार से जुड़े है। बताया कि अभी तक शहर में तुर्की से आने वाले मार्बल की बिक्री बड़ी मात्रा में होती थी, लेकिन आतंकी घटना के बाद से ही व्यापारियों से वहां से आने वाले मार्बल का उपयोग करने से मनाकर दिया है। देश में मार्बल की सबसे बड़ी मार्केट किशनगढ़ है। वहां के कारोबार एसोसिएशन ने भी तुर्की से आने वाले मार्बल को मंगाने से इंकार कर दिया है। ऐसे में प्रयागराज के मार्बल के थोक विक्रेताओं ने इसका बहिष्कार किया है। बताया कि अपने देश में ही मार्बल की कई बेहतरीन वैरायटी मौजूद है। इसमें सबसे अच्छी क्वालिटी मकराना मार्बल की है। इसके अलावा विदेश से आने वाले मार्बल में इटालियन,वियतनाम का सफेद मार्बल की क्वालिटी भी शानदार होती है। जारी रहेगा बहिष्कार
प्रयागराज व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुशांत केसरवानी का कहना है की तुर्की से आने वाले सभी उत्पादों का प्रयागराज के व्यापारी बहिष्कार करते रहेंगे। देश में आतंक फैलाने वाले देशों की मदद करने वाले देशों से किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं किया जाएगा। प्रयागराज के व्यापारियों के लिए पहले देश है। व्यापार मंडल के सभी सदस्य इस बात को लेकर एकजुट हैं।