हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता और पूर्व सांसद धर्मेंद्र का निधन हो गया है। उनके जाने से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। अपने दमदार अभिनय, सादगी और मिलनसार स्वभाव के कारण उन्होंने भारतीय फिल्म जगत पर अमिट छाप छोड़ी थी। फिल्मी दुनिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक उन्हें बेहद सम्मान और अपार प्रेम मिला। धर्मेंद्र ने अपने लंबे करियर में अनेक यादगार किरदार निभाए। पर्दे पर उनकी मौजूदगी और आम लोगों से जुड़ने का उनका अंदाज़ ही उन्हें खास बनाता था। उनके निधन को भारतीय सिनेमा के एक स्वर्णिम युग का अंत माना जा रहा है। धर्मेंद्र के निधन पर पूर्व सांसद ऊषा वर्मा ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 2004 से 2009 तक के अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान धर्मेंद्र से उनका आत्मीय रिश्ता रहा।ऊषा वर्मा ने बताया, “जब भी वे मिलते थे, हरदोई और संडीला के लड्डुओं को बड़े प्रेम से याद करते थे।” उन्होंने धर्मेंद्र की सादगी, स्नेह और अपनापन को उनकी सबसे बड़ी खूबी बताया। ऊषा वर्मा ने इसे एक अपूरणीय क्षति बताते हुए ईश्वर से धर्मेंद्र की आत्मा को शांति और परिवार को शक्ति देने की प्रार्थना की।फिल्म इंडस्ट्री, राजनीति और आम जनता में धर्मेंद्र के निधन से गहरा शोक व्याप्त है।