प्रयागराज के घूरपुर में एक किशोरी को बंधक बनाकर तीन साल तक सामूहिक दुष्कर्म करने और जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने तीन नामजद और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इनमें से मुख्य समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन साल पहले माता-पिता की मौत, मदद के बहाने ले आए किशोरी ने पुलिस को बताया कि उसके माता-पिता की मौत करीब तीन साल पहले हो गई थी। तब से वह अपने 10 साल के छोटे भाई के साथ अकेली रह रही थी। आरोप है कि इसी बीच पड़ोसी गांव का आलम मदद का झांसा देकर दोनों को अपने साथ ले गया। उसने होटल में काम दिलाने का वादा किया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद किशोरी को बंधक बना लिया गया। बंधक बनाकर की दरिंदगी, विरोध पर भाई को मारा पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि बंधक बनाने के बाद आलम, उसके भाई मुमताज व अन्य ने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसे और उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी गई। जब भाई ने आवाज उठाई तो उसे गायब कर दिया गया। तब से उसका कोई सुराग नहीं मिला है। आधार कार्ड में हेरफेर कर बदला नाम किशोरी ने बताया कि आरोपियों ने उसके आधार कार्ड में हेरफेर करते हुए उसका नाम बदलकर शबनम (परिवर्तित नाम) करा दिया और उसे धर्म बदलने के लिए मजबूर किया। वह लंबे समय तक आरोपियों के कब्जे में रही। मंगलवार की रात किसी तरह भागकर वह अपने गांव पहुंची और ग्रामीणों को आपबीती सुनाई। घटना की जानकारी मिलने पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता पीड़िता और उसके परिजनों के साथ घूरपुर थाने पहुंचे। मामला अफसर के संज्ञान में आया तो एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस का कहना है.... इस मामले में डीसीपी विवेक चंद्र यादव ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए दो नामजद आरोपियों आलम और मुमताज को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीसरे नामजद आरोपी आतिफ की तलाश की जा रही है। पीड़िता के भाई के बारे में पता चला है कि वह मुख्य आरोपी आलम के रिश्तेदार के घर में रहकर पढ़ाई कर रहा है। उसे भी बुलवाया गया है।